पंजाब में शपथ लेने वाले 11 में से सात मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से चार पर गंभीर आरोप हैं। चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इन 11 मंत्रियों में मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल हैं। ‘पंजाब इलेक्शन वॉच’ और एडीआर ने मुख्यमंत्री सहित सभी 11 मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण किया।
11 ministers booked एडीआर ने कहा कि सात मंत्रियों (64 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। उनमें से चार (36 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इन 11 मंत्रियों में नौ करोड़पति हैं और उनकी संपत्ति का औसत 2.87 करोड़ रुपये है।
सबसे ज्यादा घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री होशियारपुर के ब्रह्म शंकर (जिम्पा) हैं। उनके पास 8.56 करोड़ रुपये की संपत्ति है। भोआ (एससी) निर्वाचन क्षेत्र के लाल चंद के पास सबसे कम घोषित कुल संपत्ति 6.19 लाख रुपये है। नौ मंत्रियों ने देनदारियों की भी घोषणा की है। सबसे ज्यादा देनदारी वाले मंत्री ब्रह्म शंकर हैं, उन पर 1.08 करोड़ रुपये की देनदारी है।
एडीआर ने कहा कि पांच मंत्रियों (45 फीसदी) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 10वीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है, जबकि बाकी स्नातक या उससे ऊपर हैं। छह मंत्रियों (55 फीसदी) ने अपनी उम्र 31 से 50 साल के बीच घोषित की है, जबकि पांच (45 फीसदी) की उम्र 51 से 60 साल है। आम आदमी पार्टी (आप) के दस विधायकों ने शनिवार को पंजाब के मंत्री के रूप में शपथ ली। इनमें हरपाल सिंह चीमा, हरभजन सिंह, डॉ. विजय सिंगला, लाल चंद, गुरमीत सिंह मीत हेयर, कुलदीप सिंह धालीवाल, लालजीत सिंह भुल्लर, ब्रह्म शंकर, हरजोत सिंह बैंस और डॉ. बलजीत कौर हैं। इससे पहले भगवंत मान ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।