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कोलकाता, 30 अप्रैल (वार्ता) लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 126 आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

संसदीय चुनावों के पांचवें चरण में 674 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और लोकतांत्रिक सुधार संघ ने इन उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किये गये हलफनामे के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है जिसके अनुसार लोकसभा चुनावों के पांचवें चरण में 19 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं। एडीआर ने 668 उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किये गये हलफनामे के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है, जिसके अनुसार 126 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।

इनमें से 95 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं और कम से कम छह उम्मीदवारों को आपराधिक मामलों में सजा भी हुई है।

वहीं तीन उम्मीदवारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज है।

इसके साथ ही कम से कम 21 उम्मीदवारों के खिलाफ आईपीसी धारा 307 के तहत हत्या की कोशिश का मामला दर्ज है। पांच उम्मीदवारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 के तहत अपहरण आईपीसी की धारा 364 के तहत हत्या के लिए अपहरण कर या हिरासत में लेने का मामला का मामला दर्ज है।

एडीआर की रिपोेर्ट के अनुसार नौ उम्मीदवारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत महिलाओं से मारपीट करना या यौन शोषण करना, आईपीसी की धारा 498 ए के तहत महिला के पति या रिश्तेदार द्वारा क्रूरता करना, आईपीसी की धारा 509 के तहत शब्द, इशारा या अन्य किसी तरह महिलाओं को अपमानित करना और आईपीसी की धारा 313 के तहत महिला की सहमति के बिना गर्भपात करवाने जैसे मामले शामिल हैं।

एडीआर ने बताया है कि पांचवें चरण में सबसे अधिक आपराधिक छवि वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के 48 उम्मीदवारों में से 22 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 45 उम्मीदवारों में से 14 उम्मीदवारों के लिए आपराधिक मामले दर्ज हैं। बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा)के 33 उम्मीदवारों में से नौ के खिलाफ तथा समाजवादी पार्टी के नौ में से सात उम्मीदवारों के साथ के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा 252 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 22 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।