इस सप्ताह बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद में फेरबदल करते हुए 36 नए चेहरों को जोड़ा और अब इसमें मंत्रियों की कुल संख्या 78 तक पहुंच गई है। जो की इसकी वैधानिक सीमा 81 से बेहद कम है। हालांकि इन नए मंत्रियों में कौन कितना रईस है और किसके ऊपर कितने आपराधिक मुकदमे हैं, यह जानना बेहदह जरूरी हो जाता है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इन 78 में से 33 मंत्रियों (42%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 24 में हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती से संबंधित गंभीर मामले हैं।
दरअसल, एडीआर ने इन मंत्रियों के खिलाफ दर्ज मामलों को सामने लाने के लिए इनके चुनावी हलफनामों का हवाला दिया है। इसके अलावा अपने विश्लेषण में एडीआर ने पाया कि नए केंद्रीय मंत्रिमंडल के लगभग 90% सदस्य यानी 70 मंत्री करोड़पति हैं, जिसका मतलब है कि उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 1 करोड़ रुपये से अधिक की घोषित की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी के नए मंत्रिपरिषद में प्रति मंत्री औसत संपत्ति लगभग 16.24 करोड़ रुपये पाई गई है। जिन कैबिनेट मंत्रियों के पास सबसे कम संपत्ति है, वे हैं: त्रिपुरा की प्रतिमा भौमिक, जिनके पास करीब 6 लाख रुपये की संपत्ति है, जबकि इसके बाद पश्चिम बंगाल से जॉन बारला का नाम आता है, जिन्होंने करीब 14 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी। वहीं, इनके बाद राजस्थान के कैलाश चौधरी (करीब 24 लाख रुपये), ओडिशा के बिश्वेश्वर टुडू (करीब 27 लाख रुपये), और महाराष्ट्र के वी मुरलीधरन (करीब 27 लाख रुपये) आते हैं।