Source: 
Hindustan
Author: 
Date: 
02.12.2021
City: 
New Delhi

एडीआर रिपोर्ट

: करोड़पतियों में भाजपा के सर्वाधिक, करोड़ों की संपत्ति के मालिक 37 विधायक

: सूची में टॉप पर सतपाल महाराज, 80 करोड़ से अधिक की है उनकी संपत्ति

पिथौरागढ़। संतोष आर्यन

उत्तराखंड के मौजूदा विधायकों में 71 फीसदी करोड़पति हैं। करोड़पति विधायकों में सर्वाधिक भाजपा के हैं। सर्वाधिक संपत्ति वाले विधायकों की सूची में टॉप पर मौजूदा काबीना मंत्री एवं चौबट्टाखाल के विधायक सतपाल महाराज हैं। एडीआर की ओर से जारी सूची के मुताबिक, महाराज की 80 करोड़ रुपये से अधिक की संपति है। आपराधिक छवि मामले में भी भाजपा विधायकों की संख्या ज्यादा है। आपराधिक छवि के कुल 20 विधायकों में से सर्वाधिक 10 भाजपा के हैं।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव और बाद में हुए उपचुनाव के आधार पर उत्तराखंड के वर्तमान विधायकों की संपत्ति और आपराधिक छवि की सूची जारी की है। इनमें पांच रिक्त सीटों को शामिल नहीं किया गया है। एडीआर के अनुसार, उत्तराखंड में वर्तमान विधायक औसतन 4.09 करोड़ रुपये संपत्ति के मालिक हैं। कुल 65 विधायकों के सापेक्ष 46 विधायक करोड़पति हैं। इनमें भाजपा के 54 विधायकों में से 37, कांग्रेस के नौ में से आठ और दो निर्दलीय में से एक विधायक शामिल हैं। पहले स्थान पर भाजपा के सतपाल महाराज हैं। दूसरे नंबर पर किच्छा से भाजपा विधायक राजेश शुक्ला हैं। इनके पास 25 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। तीसरे नंबर पर मंगलौर विधानसभा सीट से कांग्रेस काजी मुहम्मद निजामुद्दीन हैं। इनकी संपत्ति 21 करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रदेश के 20 विधायकों की छवि आपराधिक

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के 20 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 14 विधायकों पर गंभीर मामले, दो पर हत्या से संबंधित और एक पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। जबकि तीन विधायकों के ऊपर महिला अत्याचार के मामले हैं।

23 फीसदी विधायक 8वीं और 12वीं पास

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में 23 फीसदी विधायक आठवीं और बारहवीं उत्तीर्ण हैं। एडीआर की ओर से जारी सूची के मुताबिक, 65 विधायकों में से 15 ने अपनी शैक्षिक योग्यता आठवीं और बारहवीं उत्तीर्ण घोषित की है। 49 विधायकों ने स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की है, जबकि एक ही विधायक ने स्वयं को डिप्लोमाधारक बताया है।

प्रदेश सरकार में 9 फीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व

राजनीतिक दल एक ओर समाज में महिलाओं को समान अधिकार देने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन पार्टी का टिकट महिलाओं को देने में दिलचस्पी नहीं दिखाते। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश सरकार में महिलाओं की भागीदारी महज 9 फीसदी ही है। कुल 65 विधायकों पर केवल छह ही महिला विधायक हैं।

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