भोपाल. प्रदेश में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। 61.11 फीसदी मतदाता रोजगार के बेहतर मौके चाहते हैं। यह खुलासा नेशनल इलेक्शन वॉच और एडीआर(एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिव रिफाम्र्स) के सर्वे में हुआ है। इसमें मतदाताओं से बेरोजगारी, कृषि, उचित मूल्य, अस्पताल, पीने का पानी सहित 10 प्राथमिकताएं पूछी थीं। उनकी प्राथमिकता में बेरोजगारी पहले, कृषि उपज का उचित मूल्य दूसरे और बेहतर अस्पताल तीसरे नंबर पर हैं। सर्वे में इन मुद्दों पर सरकारी प्रयास और कामकाज को औसत बताया है।
एडीआर ने सर्वे अक्टूबर से दिसंबर 2018 रोजगार को पहली प्राथमिकता देते हैं। रोजगार देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास की रैंकिंग के लिए पांच नंबर रखे गए थे। इनमें दो अंक को औसत माना गया था, लेकिन मतदाताओं ने सरकार को महज 1.89 नंबर दिए।
- मिले उपज का उचित दाम
पिछले कुछ सालों में प्रदेश में किसान आंदोलन बढ़े हैं। मंदसौर गोलीकांड के बाद यह उफान पर आ गया। सर्वे में किसानों की पीड़ा भी सामने आई है। मतदाताओं की 10 प्राथमिकताओं में यह दूसरे नंबर है। 39 प्रतिशत लोग मानते हैं कि किसानों का जीवनस्तर तभी सुधरेगा जब उन्हें उपज का उच्चतम मूल्य मिले। खेती से ही जुड़े दूसरे मुद्दों में 21.95 प्रतिशत कृषि ऋण उपलब्धता, 26.45 फीसदी खाद-बीज में सब्सिडी, 25.34 प्रतिशत सिंचाई के लिए पानी और 40 फीसदी मतदाता खेती के लिए बिजली दिए जाने को प्राथमिकता देते हैं।
- चुनावी मुद्दों को तरजीह नहीं
चुनाव में उठाए जाने वाले मुद्दों और जुमलों को प्रदेश के मतदाताओं ने तरजीह नहीं दी। उनकी प्राथमिकता में राष्ट्रीय व इतर के मुद्दों की बजाय बुनियादी सुविधाओं और जरूरतों को ही महत्त्व दिया गया। सेना, तालाब व झीलों में अतिक्रमण सहित अन्य विषयों में कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दी। पिछली सरकार की परफार्मेंस किसी भी मामले में औसत से ऊपर नहीं रही। पांच अंकों में तीन से ऊपर के अंक को अच्छा, दो अंक को औसत और एक अंक से नीचे की रैंकिंग को खराब की श्रेणी में रखा था। किसी भी प्राथमिकता में मतदाताओं ने सरकार के कामकाज को दो अंक नहीं मिल पाए।
- यह भी हंै मतदाताओं की प्राथमिकता में
मुद्दा प्रतिशत
बेहतर अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र - 32.69
कानून-व्यवस्था - 28.06
बेहतर सड़क - 27.51
लोक परिवहन - 22.69
पीने का पानी - 19.22