पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण में खड़े 191 उम्मीदवारों में से 48 प्रत्याशियों (25 प्रतिशत से कुछ अधिक) ने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है।
'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) नामक संस्था की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार, 96 (50 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा पांच से 12वीं के बीच बताई है और 92 (48 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने खुद को स्नातक बताया है। वहीं रिपोर्ट के अनुसार तीन उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं।
'वेस्ट बंगाल इलेक्शन वाच नामक संस्था और एडीआर ने पहले चरण का चुनाव लड़ रहे सभी 191 प्रत्याशियों के हलफनामे का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 48 (25 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले होने की घोषणा की है, जबकि 42 (22 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है।
रिपोर्ट में कहा गया कि 191 उम्मीदवारों में से 19 (10 प्रतिशत) करोड़पति हैं। बड़ी पार्टियों में से माकपा के 18 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 10 (56 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है।
इसी प्रकार भाजपा के 29 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 12 (41 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
इसके अलावा जिन प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया, उनमें से तृणमूल कांग्रेस के 29 में से 10 (35 प्रतिशत), कांग्रेस के 6 में से 2 (33 प्रतिशत), एसयूआईसी (सी) के 28 में से 3 (11 प्रतिशत) और बसपा के 11 में से एक (नौ प्रतिशत) उम्मीदवार ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कबूल की है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसी तरह जिन प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया उनमें से माकपा के 18 में से नौ (50 प्रतिशत), भाजपा के 29 में से 11 (38 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 29 में से 8 (28 प्रतिशत), कांग्रेस के छह में से एक (17 प्रतिशत), बसपा के 11 में एक (9 प्रतिशत) तथा एसयूआईसी (सी) के 28 में से दो (सात प्रतिशत) उम्मीदवारों ने हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होना स्वीकार किया है।
उम्मीदवारों के वित्तीय स्थिति पर रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी पार्टियों में से जिन उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया उनमें से तृणमूल के 31 प्रतिशत, भाजपा के 14 प्रतिशत, माकपा के 11 प्रतिशत, कांग्रेस के 33 प्रतिशत और बसपा तथा एसयूआईसी (सी) के एक-एक उम्मीदवार ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति होने को घोषणा की है।
रिपोर्ट में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में खड़े प्रत्येक उम्मीदवार के पास औसतन 43.77 लाख रुपये की संपत्ति है।