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बिहार विधानसभा के 240 मौजूदा विधायकों में से 136 या 55 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 94 विधायक या 39 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. चुनाव लड़ने के लिए दिए गए हलफनामे के हिसाब से बिहार विधानसभा के 160 विधायक या 67 फीसदी करोड़पति हैं.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म और बिहार इलेक्शन वाच की हाल में ही जारी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है.

एडीआर की रिपोर्ट में विधायकों द्वारा घोषित वित्तीय, आपराधिक, शिक्षा, लिंग और अन्य विवरण की विस्तार से जानकारी दी गई है. बिहार के मौजूदा विधायकों में से 11 विधायकों ने अपने ऊपर दर्ज हत्या के मामलों की घोषणा की है.

30 विधायकों ने अपने ऊपर हत्या के प्रयास के तहत दर्ज मामले की जानकारी दी है, इसके साथ ही 5 मौजूदा विधायकों ने अपने ऊपर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के तहत दर्ज मामलों की जानकारी दी है. इन 5 मौजूदा विधायकों में से एक पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है.

राष्ट्रीय जनता दल के 80 में से 45 विधायक या 56 फीसदी और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के 69 में से 34 विधायक या 49 फीसदी ने अपने हलफनामों में अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.

इस सूची में भारतीय जनता पार्टी के 54 में से 34 विधायक या 63 फीसदी, कांग्रेस के 25 में से 14 विधायक या 56 फीसदी, लोजपा के दोनों विधायक या 100 फीसदी, सीपीआई-एमएल-एल के तीनों विधायक या 100 फीसदी और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. इन सभी विधायकों ने अपने हलफनामे में दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी.

अगर गरीब राज्य के अमीर विधायकों की बात करें तो राज्य के 240 विधायकों में 160 या 67 फीसदी करोड़पति हैं. इसमें जेडीयू के 69 में से 51 विधायक या 74 फीसदी, आरजेडी के 80 में से 51 विधायक या 64 फीसदी, भाजपा के 54 में से 33 विधायक या 61 फीसदी, कांग्रेस के 25 में से 17 विधायक या 68 फीसदी, लोजपा के दोनों विधायक या 100 फीसदी विधायक शामिल हैं.

इसके अलावा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का एक विधायक और 5 निर्दलीय विधायकों की घोषित संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है.