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पटनाः कोरोना महामारी के दौरान देश में यह पहला आम चुनाव है, जिसमें बिहार के भाग्य का फैसला होने जा रही है. इसलिए पूरे देश की निगाहें लगी हैं.इस चुनाव में जहा सभी प्रमुख दलों ने इस बार भी दागी नेताओं को मैदान में उतारा है. वहीं, संक्रमण के खतरे को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने रैली, रोड शो और जनसंपर्क पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसको ध्यान में रखते हुए प्रारंभ में सभी राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान अधिकतर सभाएं ऑनलाइन की गईं.

हालांकि बाद में आयोग की गाइडलाइन के हिसाब से कुछ सभाएं खुले मैदान में भी होने लगीं. कई जगह से शिकायतें मिलीं कि आयोग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं हो पाया. इसके चलते कई दल के नेता संक्रमित भी हुए. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, चुनाव प्रभारी व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सांसद राजीव प्रताप रुडी, राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन शामिल हैं.

इसबीच चुनाव संबंधी गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म(एडीआर) ने दूसरे चरण के प्रत्याशियों की रिपोर्ट आज जारी की है. इसके अनुसार सबसे ज्यादा राष्ट्रीय जनता दल ने ऐसे लोगों को टिकट दिया है, जिनपर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. राजद के बाद भाजपा ने दागी नेताओं को टिकट दिया है.

जदयू, लोजपा यहां तक कि कांग्रेस भी इस मामले में पीछे नहीं है. पहले चरण में जहां 31 प्रतिशत दागी नेता मैदान में हैं, तो दूसरे चरण में 34 प्रतिशत ऐसे लोग चुनाव लड रहे हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. रिपोर्ट के अनुसार राजद के 56 उम्मीदवारों में से 36 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें 28 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले हैं. भाजपा के 46 उम्मीदवारों में से 29 पर आपराधिक मामले हैं. इसमें से 20 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 

उसीतरह जदयू के 43 में से 20 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जदयू के 15 प्रत्याशियों पर गंभीर मामले दर्ज हैं. जबकि लोजपा के 52 उम्मीदवारों में से 28 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 24 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं कांग्रेस के 24 उम्मीदवारों में से 14, बसपा के 33 में से 16 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

बसपा के 14, कांग्रेस के 10 पर गंभीर आपराधिक मामलों हैं. इसी तरह विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिये मैदान में उतरे 1463 उम्मीदवारों में से 34 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें 49 उम्मीदवारों पर महिला उत्पीड़न और 4 पर बलात्कार के आरोप हैं. जबकि 32 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या और 143 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले चल रहे हैं.

दूसरे चरण की 94 सीटों में से 84 सीटें ऐसी हैं, जहां तीन या उससे अधिक ऐसे उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिन पर आपराधिक मामले हैं. एडीआर के रिपोर्ट के अनुसार कुल प्रत्याशियों में से 34 प्रतिशत यानी 502 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि 27 प्रतिशत (389 उम्मीदवारों) पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. ये मामले गैर जमानती अपराध हैं और इसमें पांच साल से ​अधिक की सजा हो सकती है.