बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिये मैदान में उतरे 1463 उम्मीदवारों में से 34 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 49 उम्मीदवारों पर महिला उत्पीड़न और चार पर बलात्कार के केस हैं। पहले चरण के तुलना की जाए तो तीन प्रतिशत ज्यादा प्रत्याशियों पर मुकदमें दर्ज हैं। पहले चरण में दागी पृष्ठभूमि वाले 31 प्रतिशत प्रत्याशी मैदान में हैं। पहले चरण के लिए चुनाव बुधवार को होने जा रहा है।
दूसरे चरण में 32 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या और 143 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले चल रहे हैं। दूसरे चरण की 94 सीटों में से 84 सीटें ऐसी हैं जहां तीन या उससे अधिक ऐसे उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिन पर आपराधिक मामले हैं।
चुनाव संबंधी गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने दूसरे चरण के प्रत्याशियों की रिपोर्ट मंगलवार को जारी की। रिपोर्ट के अनुसार कुल प्रत्याशियों में से 34 प्रतिशत यानी 502 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 27 प्रतिशत (389 उम्मीदवारों) पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। ये मामले गैर जमानती अपराध हैं और इसमें पांच साल से अधिक की सजा हो सकती है।
राष्ट्रीय जनता दल के 56 उम्मीदवारों में से 64 प्रतिशत (36 उम्मीदवारों) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 28 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। भारतीय जनता पार्टी के 46 उम्मीदवारों में से 29 पर आपराधिक मामले हैं। इसमें से 20 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
जद (यू) के 43 में से 20 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जद-यू के 15 प्रत्याशियों पर गंभीर मामले दर्ज हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के 52 उम्मीदवारों में से 28 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 24 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 24 उम्मीदवारों में से 14, बसपा के 33 में से 16 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बसपा के 14, कांग्रेस के 10 पर गंभीर आपराधिक मामलों हैं।