नीतीश कैबिनेट के 31 सदस्यों में से 18 यानी 64 प्रतिशत मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 14 के खिलाफ दर्ज मामले गंभीर आपराधिक किस्म के हैं। इसका खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्मस (एडीआर) और इलेक्शन वॉच की ताजा रिपोर्ट से हुआ है। यह रिपोर्ट 28 मंत्रियों के आत्म शपथ पत्र के विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है। दो मंत्री अशोक चौधरी और जनक राम अभी विधानसभा या विधानपरिषद के सदस्य नहीं हैं इसलिए उनके शपथपत्रों का विश्लेषण नहीं हो सका है।
भाजपा कोटे से मंत्री रामसूरत कुमार के ब्यौरे का भी विश्लेषण नहीं किया जा सका है। बताया जा रहा है कि उनका पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं था। रिपोर्ट के अनुसार गंभीर आपराधिक मामलों के साथ कैबिनेट के 14 मंत्रियों में से भाजपा के सर्वाधिक 11 (57%) और जदयू के तीन (27%) मंत्री हैं। गम्भीर आपराधिक मामलों वाले तीन अन्य मंत्रियों में हम, विकास इंसान पार्टी और एक निर्दलीय शामिल हैं।
हालांकि इतनी बड़ी संख्या में दागी नेताओं के चुने जाने पर किसी को हैरानी नहीं है। एडीआर और इलेक्शन वॉच की एक पूर्व की रिपोर्ट के अनुसान हाल में चुने गए सभी पार्टियों के 243 नेताओं में से 163 (68%) ने खुद पर आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी। यह पिछली बार से ज्यादा है। 2015 विधानसभा चुनाव 243 में से 142(58%) ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी। इस बार जीत हासिल करने वाले 123 (51%) विधायकों के खिलाफ गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि पांच साल पहले 98 के खिलाफ दर्ज थे। इस बार 19 के खिलाफ हत्या, 31 के खिलाफ हत्या के प्रयास, आठ के खिलाफ महिला के विरुद्ध अपराध के मामले दर्ज हैं।
नीतीश सरकार के गठन के तुरंत बाद उनके एक मंत्री मेवालाल चौधरी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ गया थे। यह मामला उनके बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति रहते 161 असिस्टेंट प्रोफेसरों और जूनियर साइंटिस्ट की नियुक्ति से जुड़ा है। इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद जद यू ने उन्हें निलंबित कर दिया था। चौधरी को शिक्षा मंत्रालय का दायित्व दिया गया था। सम्पत्ति के मामले में देखें तो बिहार के 93 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं। 28 मंत्रियों की औसत संपत्ति 4.46 करोड़ रुपये है। भाजपा के सभी 14 मंत्री करोड़पति हैं। जबकि वर्ष 2019-20 के केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा एक फरवरी, 2021 को जारी आंकड़े के अनुसार बिहार के आमलोगों की वार्षिक औसत आय 50 हजार 735 रुपये है।
सबसे अधिक संपत्ति जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने घोषित की है। उन्होंने 22.37 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। जबकि सबसे कम संपत्ति मंत्री जमा खान की है, जिन्होंने 30.04 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की है। वहीं, 20 मंत्रियों ने देनदारी घोषित की है, जिनमें मंत्री मुकेश सहनी के 1.54 करोड़ रुपये की सर्वाधिक देनदारी घोषित की है। शिक्षा की बात करें तो 11 मंत्री हॉयर सेकेंडरी स्तर से कम पढ़े-लिखे हैं। 16 स्नातक या उससे अधिक पढ़े हैं। राज्य मंत्रीपरिषद के 11 मंत्रियों की उम्र 50 साल से कम है।