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Source
नवभारत टाइम्स
https://navbharattimes.indiatimes.com/state/bihar-news/patna/adr-criminal-cases-against-72-percent-members-of-new-cabinet-of-bihar-government/articleshow/93616193.cms
Author
Bhasha
Date
City
New Delhi/ Patna

बिहार मंत्री परिषद के विस्तार के बाद एडीआर और ‘बिहार इलेक्शन वॉच’ ने मुख्यमंत्री समेत 33 में से 32 मंत्रियों की ओर से 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल हलफनामे का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 23 मंत्रियों (72 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। जबकि 17 मंत्रियों (53 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

बिहार में नए मंत्रिमंडल में शामिल 72 फीसदी मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री

नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। हाल में बीजेपी का साथ छोड़कर राजद के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री कुमार ने मंगलवार को 31 मंत्रियों को शामिल करते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। बिहार मंत्री परिषद के विस्तार के बाद एडीआर और ‘बिहार इलेक्शन वॉच’ ने मुख्यमंत्री समेत 33 में से 32 मंत्रियों की ओर से 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल हलफनामे का विश्लेषण किया है।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू के नेता एवं कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी को अपना हलफनामा जमा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह विधान परिषद के मनोनीत सदस्य हैं, इसलिए आपराधिक, वित्तीय और अन्य विवरणों संबंधी उनकी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है।

17 मंत्रियों के खिलाफ सीरियल क्रिमिनल केस
रिपोर्ट के मुताबिक, 23 मंत्रियों (72 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। जबकि 17 मंत्रियों (53 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं, 32 मंत्रियों में से 27 (84 फीसदी) करोड़पति हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वाधिक संपत्ति वाले मंत्री समीर कुमार महासेठ हैं जो मधुबनी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। समीर की संपत्ति 24.45 करोड़ रुपये की है। वहीं, सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम हैं, जिनकी संपत्ति 17.66 लाख रुपये की है।

8 मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता 8वीं से 12वीं कक्षा के बीच
एडीआर के मुताबिक, आठ मंत्रियों (25 प्रतिशत) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं से 12वीं कक्षा के बीच जबकि 24 मंत्रियों (75 प्रतिशत) ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है।