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New Delhi

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2016-17 में मिले राजनीतिक चंदे पर एक रिपोर्ट जारी की है. इसके अनुसार इलेक्टोरल ट्रस्ट को 325.27 करोड़ रुपए चंदे के रूप में मिले हैं. इनमें से बीजेपी को सबसे ज्यादा 89 फीसदी चंदा मिला. कुल रकम में बीजेपी को 290.22 करोड़ मिले हैं. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि 9 राजनीतिक पार्टियों को मिलाकर केवल 35.05 रुपए चंदा मिला है.

कांग्रेस पार्टी को केवल 5 फीसदी यानी 16.5 करोड़ रुपए चंदा मिला है. शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) को 2.75 फीसदी यानी 9 करोड़ रुपए और समाजवादी पार्टी (एसपी) को 2 फीसदी यानी 6.5 करोड़ रुपए का चंदा मिला है. इन 21 ट्रस्टों ने इस बार केवल 10 पार्टियों को चंदा दिया है.

पिछले 4 वर्षों में इन इलेक्टोरल ट्रस्टों को कुल 637.53 करोड़ चंदे के रूप में मिले है. इन ट्रस्टों ने इस दौरान बीजेपी को सबसे ज्यादा दान दिया है. बीजेपी को बीते 4 साल में तकरीबन 77 फीसदी यानी 488.94 करोड़ रुपए की रकम मिली है. इस लिस्ट में कांग्रेस को 86.65 करोड़ रुपए और एनसीपी को 10.78 करोड़ रुपए का चंदा मिला है.

क्षेत्रीय पार्टियों की बात करें तो पिछले 4 वर्षों में शिरोमणि अकाली दल को सबसे ज्यादा दान मिला है. एसएडी को 11 करोड़ रुपए जबकि समाजवादी पार्टी को 8.19 करोड़ रुपए मिले हैं.

पहली बार साल 2013 में इलेक्टोरल ट्रस्ट सामने आए थे जिन्होंने राजनीतिक दलों को चंदा दिया था. इन चुनावी ट्रस्टों को हर वित्तीय वर्ष में मिले चंदे का 95 फीसदी रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों को देना होता है. इन ट्रस्टों को 2013-14 में 85.37 करोड़, साल 2014-15 में 177.4 करोड़ और वर्ष 2015-16 में 49.5 करोड़ रुपए का चंदा मिला था.

एडीआर ने इन ट्रस्टों के चुनाव आयोग को सौंपी गई सालाना रिपोर्ट के आधार पर यह अध्ययन किया है. पिछले साल की तुलना में चुनावी ट्रस्टों को इस साल मिले चंदे में काफी बढ़ोतरी हुई है.

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