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Jubilee Post
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भाजपा की सॅपत्ति पर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता और नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने तंज कसा है। दरअसल, एक दिन पहले ही एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म्स (एडीआर) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बड़ी राजनीतिक दलों की संपत्ति और देनदारियों का विश्लेषण जारी किया था।

एडीआर के अनुसार, बीजेपी नेे वित्त वर्ष 2019-20 में 4847.78 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की, जो सभी राजनीतिक दलों में सबसे ज्यादा है। इसी को लेकर सुरजेवाला ने तंज कसा है।

सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा है-“साल 2013-14 में BJP की सम्पत्ति- 780 करोड़, साल 2019-20 में BJP की सम्पत्ति- 4847 करोड़. देश का गरीब -मध्यम वर्ग और गरीब हो रहा है। केवल BJP  की सम्पति बढ़ी 550 प्रतिशत और ‘हम दो, हमारे दो’ की बढ़ी लाखों करोड़। यही है ‘न्यू इंडिया’ का ‘मोदी मॉडल.’ देश वाकर्ई बदल रहा है।”

दरअसल, एक दिन पहले ही एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म्स (एडीआर) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बड़ी राजनीतिक दलों की संपत्ति और देनदारियों का विश्लेषण जारी किया था।

विश्लेषण के मुताबिक, वित्तीय वर्ष के दौरान सात राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा घोषित संपत्ति 6,988.57 करोड़ रुपये और 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित संपत्ति 2,129.38 करोड़ रुपये थी।

एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया कि 7 राष्ट्रीय दलों में, सबसे ज्यादा संपत्ति भाजपा के पास 4847.78 करोड़ रुपये यानी 69.37 प्रतिशत, बीएसपी के पास 698.33 करोड़ रुपये यानी 9.99 प्रतिशत और कांग्रेस के पास 588.16 करोड़ यानी 8.42 प्रतिशत है।

एडीआर रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा

एडीआर के मुताबिक, 44 क्षेत्रीय दलों में से, टॉप 10 पार्टियों की संपत्ति 2028.715 करोड़ रुपये या उन सभी द्वारा घोषित कुल का 95.27 प्रतिशत थी।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में, क्षेत्रीय दलों में समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक 563.47 करोड़ रुपये यानी 26.46 प्रतिशत संपत्ति घोषित की। इसके बाद टीआरएस ने 301.47 करोड़ रुपये और एआईएडीएमके (AIADMK) ने 267.61 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय दलों की तरफ से घोषित संपत्ति में सावधि जमा/एफडीआर का हिस्सा सबसे अधिक 1,639.51 करोड़ रुपये यानी 76.99 प्रतिशत था।

वित्तीय वर्ष के लिए एफडीआर/सावधि जमा श्रेणी के तहत, भाजपा ने 3,253 करोड़ रुपये और बीएसपी ने 618.86 करोड़ रुपये की घोषणा की जो सभी राष्ट्रीय दलों में पहले और दूसरे स्थान पर रहे, जबकि जबकि कांग्रेस ने 240.90 करोड़ रुपये इस श्रेणी में घोषित किए।