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नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संपत्ति में वर्ष 2017-18 में 22.17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जबकि दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की संपत्ति में 15.23 फीसदी की कमी आई है। चुनाव पर नजर रखने वाले संगठन एसोसिएशन ऑफ रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बुधवार को बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान भाजपा की कुल घोषित संपत्ति 1213.13 करोड़ थी जो वर्ष 2017-18 में 22.27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1483.35 करोड़ हो गयी। दोनों वित्तीय वर्षों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों की संपत्तियों तथा कर्जां के विश्लेषण से संबंधित एडीआर की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में सात राजनीतिक पार्टियों जिनमें भाजपा और कांग्रेस के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा सुश्री ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक सभी सातों राजनीतिक दलों ने वर्ष 2016-17 के दौरान अपनी संपत्तियां 3260.81 करोड़ रुपये घोषित की जो वर्ष 2017-18 में छह प्रतिशत के इजाफे के साथ 3456.65 करोड़ रुपये हो गयी। रिपोर्ट के मुताबिक केवल दो राजनीतिक पार्टियों कांग्रेस और राकांपा की ओर से घोषित वार्षिक संपत्ति में कमी आई।
पिछले वर्ष की तुलना में 2017-18 में कांग्रेस की संपत्ति 854.75 करोड़ से 15.26 प्रतिशत घटकर 724.35 करोड़ रह गई। इसी प्रकार राकांपा की संपत्ति पिछले वर्ष की तुलना में 2017-18 में 16.39 फीसदी की कमी के साथ 11.41 करोड़ से घटकर 9.54 करोड़ रुपये रह गयी। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान मतता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने अपनी संपत्ति में 10.86 प्रतिशत इजाफा करते हुए पिछले वर्ष की तुलना में 2017-18 में 29.10 करोड़ रुपये तक जा पहुंची है। इन राजनीतिक पार्टियों की कुल देनदारियां और कर्ज वर्ष 2016-17 में 514.99 करोड़ रुपये थे जो औसतन प्रत्येक पार्टी 73.57 करोड़ रुपये थी। इसमें ठीक अगले वर्ष 27.26 प्रतिशत पैसे चुकाकर राजनीतिक दलों ने अपनी देनदारियां घटाकर 374.61 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया। कांग्रेस ने वर्ष 2016-17 में कुल देनदारियां 461.73 करोड़ रुपये घोषित की जबकि भाजपा ने 20.03 करोड़ रुपये कर्ज होने की घोषणा की थी।
इसके ठीक अगले ही वर्ष कांग्रेस ने अपनी देनदारियां घटाकर 324.2 करोड़ रुपये कर ली जबकि भाजपा के पाले में हल्के इजाफे के साथ 21.38 करोड़ रुपये हो गयी जबकि तृणमूल के खाते में 10.65 करोड़ की देनदारियां रहीं। रिपोर्ट के मुताबिक,‘‘ दोनों वित्तीय वर्षों के दौरान कांग्रेस समेत चार राजनीतिक पार्टियों ने अपनी देनदरियों में कमी की या फिर उनका भुगतान कर दिया। इस अवधि में कांग्रेस ने अपनी देनदारी में 137.53 प्रतिशत, माकपा ने 3.02 करोड़, राकांपा ने 1.34 करोड़ और तृणमूल कांग्रेस ने 55 लाख की कमी की। एडीआर ने कहा कि भाजपा, माकपा और बसपा ने अपनी देनदारियों में वृद्धि की है।