महिलाओं के खिलाफ अपराध करने के आरोपियों को टिकट देने में भारतीय जनता पार्टी सबसे आगे है।
2014 के लोकसभा चुनावों में महिला सुरक्षा को मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में उतरने वाली भाजपा ने पिछले पांच सालों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 66 आरोपियों को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनावों के लिए मैदान में उतारा है।
भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस ने ऐसे 46 और बहुजन समाज पार्टी ने 40 ऐसे नेताओं को टिकट दिए थे।
जानकारी
भाजपा के 21 सांसद, विधायकों के खिलाफ ऐसे मामले
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक, भाजपा के 21 सांसद और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले चल रहे हैं। वहीं कांग्रेस के 16 और YSR कांग्रेस के 7 सांसद और विधायक ऐसे मामलों का सामना कर रहे हैं।
आरोप
तीन सांसद और छह विधायक रेप के आरोपी
ADR के अनुसार, तीन सांसद और छह विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने चुनाव आयोग को अपने खिलाफ रेप से संबंधित मामलों की जानकारी दी है।
पिछले पांच सालों में मान्यता प्राप्त दलों ने 41 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिनके खिलाफ रेप के मामले दर्ज हैं।
2009 में लोकसभा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के दो आरोपी सांसद थे। यह संख्या इस साल बढ़कर 19 पहुंच गई है। पिछले दस सालों में इसमें लगभग 10 गुणा का उछाल आया है।
रिपोर्ट
बढ़ रही है ऐसे उम्मीदवारों की संख्या
ADR ने नेशनल इलेक्शन वॉच के साथ मिलकर मौजूदा 759 सांसद और 4,063 विधायकों के 4,822 हलफनामों का अध्ययन किया है।
पिछले पांच सालों के दौरान लोकसभा चुनाव लड़ने वाले महिलाओं के खिलाफ अपराध करने के आरोपी उम्मीदवारों की संख्या 38 से बढ़कर 126 पहुंच गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के 16, ओडिशा और महाराष्ट्र के 12-12 सांसद और विधायकों ने अपने खिलाफ दर्ज महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों की जानकारी दी है।
चुनाव
572 आरोपियों ने लड़े चुनाव
ADR की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच सालों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 572 आरोपियों ने लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं के चुनाव लड़े हैं।
इनमें से एक भी आरोपी को दोषी नहीं ठहराया गया है। इनमें से 410 उम्मीदवारों को मान्यता प्राप्त दलों ने टिकट दिए थे। इन 410 में से 89 उम्मीदवार चुनकर लोकसभा और राज्यसभा के सांसद बने हैं।
महाराष्ट्र (84) और बिहार (75) में सर्वाधिक ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा गया।