एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ( एडीआर ) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019-2020 में भाजपा द्वारा घोषित चंदे की राशि कांग्रेस, राकांपा, भाकपा, माकपा और टीएमसी द्वारा इसी अवधि में प्राप्त चंदे की कुल राशि से तीन गुना से भी अधिक है. भाजपा को 785.77 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि शेष दलों को कुल 228.035 करोड़ रुपये का चंदा मिला.
नई दिल्ली:चुनाव और राजनीतिक सुधार के क्षेत्र में काम करने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित पांच पार्टियों को मिली चंदे की कुल राशि से तीन गुना से भी अधिक चंदा मिलने की घोषणा की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा ने अमरावती नगर निगम (महाराष्ट्र) से मिली चंदे की राशि का भी खुलासा किया है, जहां महापौर और उप महापौर, दोनों ही भगवा पार्टी से हैं. पार्टी की घोषणा में बिहार में तीन दानदाताओं से प्राप्त हुई जमीन भी शामिल की गई है.इसमें कहा गया है, ‘भाजपा द्वारा घोषित चंदे की राशि, कांग्रेस, राकांपा, भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी), माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) और टीमएसी द्वारा घोषित चंदे की कुल राशि से तीन गुना से भी अधिक है.’
एडीआर द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दलों द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान चंदे के रूप में प्राप्त 20,000 रुपये से अधिक की राशि पर गौर किया गया. जैसा कि पार्टियों ने चंदे की राशि के बारे में चुनाव आयोग को जानकारी दी है.रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा ने अमरावती नगर निगम से 4.80 लाख रुपये चंदा मिलने की घोषणा की है.
एडीआर ने कहा, ‘हालांकि, इस राशि के बारे में पार्टी ने कोई पता, बैंक का नाम, पैन (स्थायी खाता संख्या) सहित अन्य विवरण उपलब्ध नहीं कराया है. लेकिन इंटरनेट पर सर्च करने से यह प्रदर्शित हुआ कि उक्त दानदाता महाराष्ट्र का एक स्थानीय निकाय है (जैसा कि उनकी बेवसाइट पर उल्लेखित है). यह नगर निगम द्वारा चंदा देने की वैधानिकता पर सवाल खड़े करता है, जो कि एक शासकीय इकाई है (जिसके महापौर और उप महापौर भाजपा से हैं) और जिस पर एक राजनीतिक दल का शासन है.’
रिपोर्ट में में कहा गया है, ‘भाजपा द्वारा घोषित चंदे की राशि कांग्रेस, राकांपा, भाकपा, माकपा और टीएमसी द्वारा इसी अवधि में प्राप्त चंदे की कुल राशि से तीन गुना से भी अधिक है. भाजपा को 785.77 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि शेष दलों को कुल 228.035 करोड़ रुपये का चंदा मिला.’
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘भाजपा ने 570 दानदाताओं से कुल 149.875 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस ने 52 दानदाताओं से 7.1035 करोड़ रुपये, कांग्रेस ने 25 दानदाताओं से 2.6875 करोड़ रुपये और राकांपा ने दो दानदाताओं से 3.005 करोड़ रुपये चंदा मिलने का तरीका, जैसे कि चेक/डिमांड ड्रॉफ्ट (डीडी) नंबर या बैंक का नाम या चेक/डीडी (मांग पत्र) की तारीख की जानकारी घोषित नहीं की है. इस तरह, बगैर पूर्ण विवरण मिले चंदे के स्रोत का पता लगाना मुश्किल होगा.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा ने तीन दानदाताओं से कुल 1.516 करोड़ रुपये की जमीन प्राप्त होने की घोषणा की है.रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें बिहार के झंझारपुर में 36.80 लाख रुपये, 50 लाख रुपये और 64.88 लाख रुपये मूल्य की जमीन शामिल है. हालांकि, एक दानदाता के नाम, स्थान और पैन के ब्योरे के अलावा शेष दो दानदाताओं का पता, बैंक विवरण, पैन, और भूमि का खसरा नंबर, भूमि का प्रकार आदि के बारे में जानकारी नहीं दी गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि माकपा और भाकपा ने क्रमश: 1.0786 करोड़ रुपये और 52.17 लाख रुपये के चंदे के बारे में चेक नंबर, डिमांड ड्राफ्ट, इन्हें भुनाने की तारीख और जिस बैंक में भुनाया गया उसके ब्योरे की घोषणा नहीं की है.बता दें कि बीते जून में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के बताया था कि चुनावी ट्रस्ट के माध्यम से 2019-20 में भाजपा को चंदे के रूप में
276.45 करोड़ रुपयेमिले, जो सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे की 76.17 प्रतिशत राशि थी.रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा को सबसे अधिक चंदा मिला था. इसके बाद दूसरे स्थान पर कांग्रेस को 58 करोड़ रुपये मिले जो सभी सातों चुनावी ट्रस्ट से सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे की 15.98 प्रतिशत राशि थी.
इसके अलावा 2019-20 में भाजपा को कांग्रेस से पांच गुना अधिकव्यक्तिगत और कॉरपोरेट चंदामिला था. चुनाव आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में भाजपा को कंपनियों और व्यक्तियों से लगभग 750 करोड़ रुपये का चंदा मिला. यह कांग्रेस पार्टी को मिले 139 करोड़ रुपये से कम से कम पांच गुना अधिक थी.