एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के देश भर में किए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि मोदी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार और आतंकवाद मिटाने के प्रयासों से लोग खुश नहीं हैं और इस मानक पर सरकार के प्रदर्शन को बेहद लचर मानते हैं. सर्वेक्षण से इस बात की पुष्टि भी होती है कि इस आम चुनाव में रोजगार और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे मतदाताओं की प्राथमिकता रहने वाले हैं.
एडीआर के इस सर्वेक्षण में 534 निर्वाचन क्षेत्रों के 2,73,487 लोगों ने भाग लिया. लोगों ने सरकार के प्रदर्शन को विभिन्न मानकों पर एक से पांच के बीच में अंक दिए. हैरानी की बात ये रही कि भ्रष्टाचार मिटाने के मानक पर सर्वेक्षण में भाग लेने वाले लोगों ने सरकार को सिर्फ 1.37 अंक ही दिए. जबकि आतंकवाद के खात्मे के मुद्दे पर सरकार को सिर्फ 1.15 अंक ही मिल सके.
इतना ही नहीं सर्वेक्षण में लोगों ने 31 मानकों पर सरकार के प्रदर्शन को औसत से भी नीचे रखा.रोजगार के बेहतर अवसर मिलने के मामले में लोगों ने सरकार को 2.15, बेहतर स्वास्थ के लिए 2.35, खेती के लिए उपलब्ध पानी के मुद्दे पर 2.18 और कृषि के लिए ऋण की उपलब्ध्ता के लिए 2.15 अंक ही दिए.
सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 से ही देश भर में रोजगार के बेहतर अवसर और बेहतर स्वास्थ सेवाएं मतदाताओं के लिए शीर्ष प्राथमिकताएं हैं. सर्वेक्षण के मुताबिक, रोजगार के बेहतर अवसर 46.80 फीसदी लोगों के लिए शीर्ष प्राथमिकता है. इसके साथ ही बेहतर स्वास्थ सेवाएं (34.60 फीसदी), पीने का साफ पानी (30.50 फीसदी) भी लोगों की शीर्ष प्राथमिकताओं में है.
सर्वेक्षण बताता है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा असम, केरल और राजस्थान जैसे राज्यों में मतदाताओं की प्राथमिकता में है. वहीं, कर्नाटक में 50.42 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 45.25 फीसदी और केरला में 44.77 फीसदी लोगों ने स्वच्छ पानी को अपनी प्राथमिकता बताया.
सर्वेक्षण का यह भी निष्कर्ष है कि चुनावों में किसी खास दल या उम्मीदवार को वोट मिलने के पीछे शराब, पैसा और अन्य उपहारों का बंटना एक अहम वजह है. सर्वेक्षण में करीब 41.34 फीसदी लोगों ने कहा है कि उपहार मिलने से उनके वोट देने के निर्णय पर प्रभाव पड़ता है.
इसके अलावा 97.86 फीसदी लोगों का मानना था कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को संसद में नहीं जाना चाहिए. इसके उलट 35.89 फीसदी लोगों का कहना था कि अगर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार ने अच्छा काम किया है तो वे उसे भी वोट देंगे.