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26.11.2018
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मध्य प्रदेश के चुनावी दंगल में किस्मत आजमा रहे 2,899 उम्मीवारों में से 466 पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। जबकि 295 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें कांग्रेस के कुल प्रत्याशियों में से 48 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि भाजपा के 30 फीसदी और समाजवादी पार्टी के 25 फीसदी प्रत्याशी आपराधिक छवि वाले हैं। चुनाव आयोग को दिए 2899 उम्मीदवारों में से 2716 के शपथपत्रों का विश्लेषण करने पर असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने पाया कि इस बार 17 फीसदी का रिकॉर्ड आपराधिक रहा है, वहीं 11 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 2013 में 2494 उम्मीदवारों में से 16 प्रतिशत ने आपराधिक मामले घोषित किए थे, जबकि 11 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 16 उम्मीदवारों पर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं। वहीं आईपीसी की धारा 307 के तहत 24 प्रत्याशियों पर    हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं। वहीं 6 उम्मीदवारों पर अपहरण के केस चल रहे हैं। जबकि 20 उम्मीदवारों पर महिलाओं के प्रति अत्याचार और यौन शोषण पर आईपीसी की धारा 498ए और 394 के तहत मामले दर्ज हैं।

भाजपा के 220 में से 65, कांग्रेस के 223 में 108, आम आदमी पार्टी के 206 में से 43 और बसपा के 214 में से 37 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं भाजपा के 38, कांग्रेस के 55, आप के 30 और बसपा के 22 उम्मीदवारों पर हत्या, हत्या की कोशिश और यौन शोषण जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबलपुर नॉर्थ से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे संजू ठाकुर पर 30 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

एडीआर के मुताबिक 2716 उम्मीदवारों में से 544 उम्मीदवारों ने अपने पैन नंबर घोषित नहीं किए हैं। सबसे ज्यादा इनकम टैक्स चुकाने वालों में भाजपा के टिकट पर सागर, खुरई से चुनाव लड़ रहे भूपेन्द्र सिंह ने साढ़े पांच करोड़ की संपत्ति आयकर में घोषित की है। इनकी कुल संपत्ति 46 करोड़ रुपए है। वहीं स्पाक्स के टिकट पर खारगौन से चुनाव लड़ रहे कमलेश भंडारी ढाई करोड़ की संपत्ति आयकर में दिखाई है। भाजपा के संजय सत्येन्द्र पाठक ने 2.34 करोड़ की संपत्ति घोषित की है। 2716 उम्मीदवारों में से 165 ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक 2716 उम्मीदवारों में से 1365 की शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच है, जबकि 1095 ने ग्रेजुएट और पीजी डिग्रीधारी हैं। वहीं 155 उम्मीदवार केवल साक्षर हैं और 54 उम्मीदवार 'अंगूठा टेक' हैं। इस बार के चुनावों में 235 (9 प्रतिशत) महिला उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रही हैं, जबकि 2013 में 2494 उम्मीदवारों में से 180 (7 प्रतिशत) महिला प्रत्याशी थीं। 

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