Source: 
Author: 
Date: 
26.11.2018
City: 

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में मौजूद करीब एक चौथाई प्रत्याशी करोड़पति हैं। यह आंकड़ा पिछली विधानसभा चुनाव के मुकाबले पांच फीसदी अधिक है। इलेक्शन वॉच और ऐसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने प्रत्याशियों की ओर से दाखिल हलफनामे का विश्लेषण के आधार पर ये आंकड़े जारी किए हैं। 

एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक राज्य विधानसभा चुनाव के लिए 2716 प्रत्याशी मैदान में है। इनमें से 656 (कुल प्रत्याशियों का 24 फीसदी) ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक बताई है। जबकि 2013 के चुनाव में 2494 उम्मीदवारों में से 472 (कुल प्रत्याशियों का 19 फीसदी)करोड़पति थे।

एडीआर के मुताबिक चुनावी मैदान में खड़े भाजपा के 81 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं। जबकि कांग्रेस के कुल प्रत्याशियों में करोड़पतियों की हिस्सेदारी 78 फीसदी हैं। सपा के 35 फीसदी, बसपा के 24 फीसदी और आम आदमी पार्टी के 18 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। सात उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है। हालांकि इनमें से तीन के पास पैन कार्ड है। 

दो तिहाई आयकर से दूर 

कुल उम्मीदवारों में से 165 ने अपनी आय का स्रोत घोषित नहीं किया है। जबकि 63 फीसदी ने अपना आयकर विवरण घोषित नहीं किया है। अनूपपुर से भाजपा प्रत्याशी रामलाल रौतेल और इछावर से कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र पटेल ने क्रमश: 14 और 13 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित करने के बाद भी आयकर विवरण दाखिल नहीं किया है।

चार दर्जन से ज्यादा अशिक्षित

विधानसभा चुनाव में खड़े 54 प्रत्याशियों ने खुद को अशिक्षित बताया है। जबकि 155 प्रत्याशी केवल साक्षर हैं। वहीं 40 फीसदी प्रत्याशी स्नातक या इससे अधिक की पढ़ाई की है। करीब आधे प्रत्याशियों ने केवल स्कूली शिक्षा हासिल की है। 16 उम्मीदवारों ने शपथ पत्र में अपनी शिक्षा की जानकारी ही नहीं दी है। वहीं 21 डॉक्टरेट प्राप्त हैं।

तीन दर्जन को अपनी ही उम्र नहीं पता 

एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक 35 प्रत्याशियों ने अपने हलफनामे या फॉर्म में उम्र की जानकारी नहीं दी है। कुल उम्मीदवारों में से 1065 की उम्र 40 वर्ष से कम है, जो उम्मीदवारों की संख्या का 39 प्रतिशत है। लगभग 49 फीसदी यानी 1344 की आयु 41 से 60 वर्ष के बीच है। 61 से 80 वर्ष की आयु के 271 (10प्रतिशत) उम्मीदवार हैं।

दागियों से यह चुनाव भी अछूता नहीं 

राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ प्रतिबद्धता जताने के बावजूद पार्टियों ने इस बार कई दागियों को मैदान में उतारा है। कुल 464 प्रत्याशी यानी 17 फीसदी ऐसे हैं, जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 295 हत्या, लूट, बलात्कार जैसे संगीन मामलों में आरोपी है। राज्य की 76 सीटें ऐसी हैं, जिनपर तीन या इससे अधिक दागियों का मुकाबला है। 

© Association for Democratic Reforms
Privacy And Terms Of Use
Donation Payment Method