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Date: 
18.09.2018
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  • 11 राज्यों के 1097 विधायकों-सांसदों के खिलाफ मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में
  • सबसे ज्यादा 66% दागी सांसद राजद से

सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक केसों की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इसमें बताया है कि 11 राज्यों के सांसदों और विधायकों के खिलाफ 1233 केस स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट को ट्रांसफर किए गए हैं। इनमें से 136 का निपटारा हो गया है। 1097 अभी भी पेंडिंग हैं। ऐसे में देखते हैं कि 16वीं लोकसभा में सबसे ज्यादा आपराधिक मामले किन राज्य के सांसदों पर दर्ज हैं और सबसे कम कहां?

 

बिहार, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश से जितने दागी सांसद हैं, उतने तो शेष सभी राज्यों को मिलाकर भी नहीं। इन पांच राज्यों में 105 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं देश के बाकी राज्यों के सभी दागी सांसदों को मिला लें तो भी आंकड़ा 77 तक पहुंचता है।

 

सबसे कम दागी सांसद राजस्थान से : यहां के चार प्रतिशत सांसदों पर मामले दर्ज हैं। यानी 25 में से सिर्फ एक सांसद दागी है। बड़े राज्यों में पंजाब, छत्तीसगढ़ और हरियाणा भी बेहतर स्थिति में हैं। यहां के भी 1-1 सांसद पर ही कोई आपराधिक मामला दर्ज है।

 

सबसे युवा सांसदों वाले दिल्ली से सबसे ज्यादा दागी : राज्यवार देखें तो सबसे ज्यादा दागी सांसद दिल्ली से हैं। खास बात यह है कि औसत उम्र के मामले में दिल्ली के सांसद सबसे युवा हैं। यहां सांसदों की औसत उम्र 47.3 साल है। यहां के 71.4 प्रतिशत सांसद दागी हैं। दिल्ली के बाद बिहार और महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बिहार में 67.5 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 63.8 प्रतिशत सांसद दागी हैं।

 

सबसे ज्यादा केस राजद सांसदों पर : 66% दागी सांसद राजद से हैं। यह आंकड़ा सभी पार्टियों में सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर एनसीपी है, जिसके 51 प्रतिशत सांसद दागी हैं। 38 प्रतिशत दागी सांसदों के साथ शिवसेना तीसरे नंबर पर है। जबकि सबसे ज्यादा सांसदों वाली भाजपा के 33 प्रतिशत और कांग्रेस के 27 प्रतिशत सांसदों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। दागी सांसदों में आप पार्टी के भी सांसद हैं। इसके 15 प्रतिशत सांसदों पर ऐसे केस दर्ज हैं।

 

हर तीसरे सांसद पर केस दर्ज : 16वीं लोकसभा के 34 प्रतिशत सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2009 में 30 और 2004 के 24 प्रतिशत सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। 2014 में जीतकर आए सांसदों में से 112 ने अपने हलफनामे में कहा था कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मामले शामिल हैं। 

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