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मिजोरम में महिला वोटरों की तादाद पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है। राज्य की मतदाता सूची में शामिल 7.68 लाख वोटरों में से 3.74 लाख पुरुष हैं और 3.93 लाख महिलाएं। मामित के अलावा बाकी सात जिलों में महिला वोटरों की तादाद ही ज्यादा है।
बावजूद इसके 28 नवंबर को राज्य विधानसभा की 40 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए महज 15 महिलाएं ही मैदान में हैं। इन सीटों के लिए तमाम दलों के कुल 201 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। 

भाजपा ने दिया सबसे ज्यादा छह महिलाओं को टिकट

राज्य में अब तक एक सीट भी नहीं जीतने वाली भाजपा ने सबसे ज्यादा छह महिलाओं को टिकट दिया है। उसके बाद स्थानीय पार्टी जोरम थार के टिकट पर पांच महिलाएं मैदान में हैं।

राज्य में सत्तारुढ़ कांग्रेस ने निवर्तमान सरकार में मंत्री रही वानलालम्पुई चांग्थू को टिकट दिया है। स्थानीय दलों के गठबंधन जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने दो और एनसीपी ने एक महिला को अपना उम्मीदवार बनाया है। 

सत्ता की प्रमुख दावेदार एमएनएफ की ओर से कोई महिला प्रत्याशी नहीं

सत्ता की प्रमुख दावेदार मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने किसी महिला को टिकट नहीं दिया है। एमएनएफ अध्यक्ष जोरमथांगा कहते हैं कि पार्टी ने वर्ष 1987 में महिलाओं को टिकट दिए थे। एक महिला सरकार में मंत्री भी थी। उसके बाद हमें कोई योग्य महिला उम्मीदवार ही नहीं मिली।

राजनीतकि पर्यवेक्षकों का कहना है कि महिलाओं ने कभी इस मुद्दे पर खास ध्यान नहीं दिया। शिक्षाविद आर. लालम्पुई कहती हैं कि अब नई पीढ़ी की महिलाओं को राजनीति में आगे आना चाहिए। 

दिलचस्प बात यह है कि हर पार्टी में महिला शाखा भी है। लेकिन जब चुनावों में टिकट देने की बात आती है तमाम नेता बहाने बनाने लगते हैं। उनकी दलील है कि राज्य में ऐसी महिला उम्मीदवार नहीं हैं जो जीतने की क्षमता रखती हों।