रिपोर्ट के अनुसार, मेघालय में चुनाव लड़ने वाली सभी प्रमुख दलों ने मैदान में उतारे अपने उम्मीदवारों में दो से लेकर 50 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की बात स्वीकार की है.
मेघालय में इस समय विधानसभा चुनाव प्रचार जोरों पर है और यहां पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं. मेघालय इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मैदान में उतरे 375 उम्मीदवारों के स्व-घोषित हलफनामों पर अपनी रिसर्च में पाया कि इस पूर्वोत्तर राज्य में भी उम्मीदवारों के चयन में धन बल की भूमिका साफ तौर पर दिखाई दे रही है क्योंकि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अमीर उम्मीदवारों को ही अपना टिकट दिया है. यहां पर 27 फरवरी को होने वाले वोटिंग होनी है.
राज्य के सभी प्रमुख दलों में, नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के 57 उम्मीदवारों में से 43 (75%), यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) के 46 उम्मीदवारों में से 30 (65%), ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के 56 उम्मीदवारों में से 27 (48%), कांग्रेस के 60 उम्मीदवारों में से 25 (42%) उम्मीदवार करोड़पति हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से उतारे गए 60 उम्मीदवारों में से 23 (38%) ने अपने हलफनामे में 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का ऐलान किया है.
हर दल में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार
जारी रिपोर्ट के अनुसार, “मेघालय में उतरे 375 उम्मीदवारों में से, 21 (6%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने का ऐलान किया है जबकि 15 (4%) ने बताया कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. प्रमुख दलों में कांग्रेस के 60 में से पांच (8%), एनपीपी के 57 में से छह (11%), बीजेपी के 60 में से एक (2%) और तृणमूल कांग्रेस के 56 में से तीन (5%) उम्मीदवारों ने अपने हलफनामों में खुद के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही है.”
चुनाव से पहले दाखिल किए गए अपने शपथ पत्र की पड़ताल करने के बाद यह बात सामने आई कि प्रमुख दलों में कांग्रेस के 60 उम्मीदवारों में से चार (7%), एनपीपी के 57 में से चार (7%), बीजेपी के 60 में से एक (2%) और तृणमूल के 56 उम्मीदवारों में से दो (4%) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है.
SC के निर्देश के बाद भी कोई सुधार नहीं
रिपोर्ट का कहना है कि मेघालय विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का किसी तरह का कोई प्रभाव पड़ता नहीं दिखा है क्योंकि उन्होंने फिर से आपराधिक मामलों वाले करीब छह फीसदी उम्मीदवारों को टिकट दिया है और इस तरह उन्होंने अपनी पुरानी परंपरा का ही पालन किया है.
मेघालय में चुनाव लड़ने वाली सभी प्रमुख दलों ने अपने घोषित उम्मीदवारों में दो से लेकर 50 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की बात स्वीकार की है. सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी, 2020 को अपने अहम फैसले में सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि वे उम्मीदवारों के चयन को लेकर कारण बताएं और बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों को उम्मीदवारों के रूप में क्यों नहीं चुना जा सकता है.