प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार हो चुका है। इस नए मंत्रिमंडल में अधिकांश मंत्री दागी हैं। चुनाव सुधारों के लिये काम करने वाले समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 42 फीसदी पर आपराधिक मुकदमा दर्ज़ है। वहीं मंत्रिमंडल में शामिल 90% नेता करोड़पति हैं।
मोदी सरकार के नए मंत्रिमंडल में 78 मंत्रियों को जगह मिली है, जिनमें से 33 मंत्रियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले होने की बात स्वीकारी है। इनमें से 24 मंत्रियों यानी 31 फीसदी के ऊपर गंभीर किस्म के मामले दर्ज हैं। इन मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट जैसे संगीन अपराध दर्ज हैं। पश्चिम बंगाल की अलीपुरद्वार से सांसद व अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बरला पर 24 गंभीर किस्म की धाराओं वाले 9 मामले और 38 अन्य मामले हैं।
देश के सबसे कम उम्र के नए गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक पर हत्या का मुकदमा दर्ज है। निशित प्रमाणिक पर 11 मामले 21 गंभीर किस्म की धाराओं के हैं। 35 साल के प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार इलाके से आते हैं और उन्होंने 8वीं तक पढ़ाई की है।
वित्त राज्यमंत्री बनाए गए उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के सांसद पंकज चौधरी पर हत्या के प्रयास के कुल 5 मामले दर्ज हैं। वहीं चार अन्य मंत्री पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। इसमें अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बारला, गृह-युवा व खेल राज्यमंत्री प्रमाणिक, वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और विदेश व संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन शामिल हैं।
केंद्रीय कैबिनेट के 5 मंत्रियों पर सांप्रदायिकता फैलाने और धार्मिक भावनायें भड़काने का आरोप है। इनमें ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, कृषि राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट के 78 मंत्रियों में से 70 यानी 90 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं। इनकी औसतन संपत्ति 16.24 करोड़ रुपये है। चार मंत्रियों ने अपनी 50 करोड़ की संपत्ति की घोषणा की है। इनमें नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वाणिज्य उद्योग व कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल, एमएसएमई मंत्री नारायण राणे और कौशल विकास व इलेक्ट्रॉनिकी आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर शामिल हैं।
वहीं 8 मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने बताया है कि उनकी संपत्ति एक करोड़ से कम है। इनमें प्रतिमा भौमिक, जॉन बारला, कैलाश चौधरी, विश्वेश्वर टुडू, वी मुरलीधरन, रामेश्वर तेली, शांतनु ठाकुर और नीतीश प्रमाणिक शामिल हैं।
12 मंत्रियों यानी 15% ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं से 12वीं के बीच बताई है जबकि 64 यानी 82% मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक और उससे ज्यादा बताई है।