उत्तर प्रदेश में गठित होने जा रही 18वीं विधानसभा में इस बार आधे से अधिक दागी विधायक शामिल हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि 403 में से 205 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जो जीते हैं, उनमें कई ऐसे हैं जिनपर हत्या के प्रयास के आरोप लगे हैं। 6 विधायकों पर महिला अत्याचार और दुष्कर्म का आरोप भी है। पिछले चुनाव के मुकाबले आपराधिक छवि वाले विधायकों की संख्या इस विधानसभा में बढ़ी है। वर्ष 2017 में 402 में से 143 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। इस बार 403 में से 255 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या बीजेपी के विधायकों की है।
सबसे ज्यादा दागी भाजपा के विधायक
भारतीय जनता पार्टी के 255 में से 111, समाजवादी पार्टी के 111 में से 71 विधायकों पर विभिन्न मामले दर्ज हैं। इसके अलावा सुहेलदेव समाद पार्टी के छह में से चार, अपना दल (एस) के 12 में से तीन, निषाद पार्टी के छह में से चार, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो व कांग्रेस के दोनों विधायकों पर मामले दर्ज हैं।
इन विधायकों पर हत्या का केस
पांच विधायकों पर हत्या का केस दर्ज है। इनमें सपा के गुन्नौर से विधायक राम खिलाड़ी, गोसाईंगंज से विधायक अभय सिंह, चायल से विधायक पूजा पाल, भाजपा से गोला गोकर्णनाथ से विधायक अरविंग गिरी और बालामऊ से विधायक रामपाल वर्मा शामिल हैं। वहीं, भाजपा के टिकट पर सोनभद्र की दुद्धी सीट से जीते रामदुलार पर दुष्कर्मा का मामला दर्ज है।