उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में उतरने वाले सभी उम्मीदवारों में से कांग्रेस पार्टी के नेता सबसे अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के विश्लेषण के मुताबिक, कांग्रेस की ओर से मैदान में उतरने वाले 58 में से 31 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि से हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के 57 में से 30 उम्मीदवार आपराधिक मामलों में लिप्त हैं और इस मामले में सपा दूसरे स्थान पर है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आपराधिक इतिहास वाले 26 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं और भाजपा के 23 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा अपनी पार्टी में हमेशा साफ छवि के नेताओं को तवज्जो देने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के 11 उम्मीदवार दागी हैं।
कांग्रेस में करीब 22 उम्मीदवार गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं और इतनी ही संख्या सपा की सूची में है। बसपा के पास ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 22 है और भाजपा के पास 17 है, जबकि आप के नौ उम्मीदवार हैं, जिन पर गंभीर आरोप हैं।
नौ उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं और इनमें से दो ने दुष्कर्म से संबंधित मामले (आईपीसी धारा 376) घोषित किए हैं।
पांच उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा 302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं और 14 पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।
इस चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है और कुल 59 में से लगभग 29 निर्वाचन क्षेत्रों को रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र घोषित किया गया है।