उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 301 विधायक और विधानपरिषद सदस्य फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। इन सभी के हलफनामों का एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने विश्लेषण किया है। इनमें से 284 यानी 94 फीसदी की संपत्ती में इजाफा हुआ है। वहीं, महज 17 ऐसे हैं जिनकी संपत्ति कम हुई है।
22,057 फीसदी तक हुआ संपत्ति में इजाफा
जिन 284 विधायकों की संपत्ति में इजाफा हुआ है उनमें शून्य से 22,057 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। जो विधायक और विधान परिषद सदस्य फिर से चुनाव मैदान में है 2017 में उनकी औसत संपत्ति 5.68 करोड़ रुपये थी। जो अब बढ़कर 8.87 करोड़ रुपये हो गई है। यानी, बीते पांच साल में इन विधायकों की औसत संपत्ति में 3.18 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।
रायबरेली की विधायक की संपत्ति में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ
रायबरेली सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाली अदिति सिंह इस बार भाजपा उम्मीदवार हैं। बीते पांच साल में उनकी संपत्ति में 22,057 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2017 में उनकी कुल संपत्ति 13.98 लाख रुपये थे। जो अब बढ़कर 30.98 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं, कुल रकम के लिहाज से देखें तो मुबारकपुर से एआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की संपत्ति सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है। बीते पांच साल में उनकी संपत्ति 77 करोड़ रुपये बढ़ी है। 2017 में उनकी कुल संपत्ति 118.76 करोड़ रुपये थी। 2022 में ये बढ़कर 195.85 करोड़ रुपये हो गई है।
दिबियापुर से भाजपा विधायक की संपत्ति सबसे ज्यादा घटी
दिबियापुर से भाजपा विधायक और उम्मीदार लाखन सिंह राजपूत हैं। 2017 में उनकी कुल संपत्ति 1.42 करोड़ रुपये थी। 2022 में राजपूत की संपत्ति घटकर 91.76 लाख रुपये रह गई है। उनकी कुल संपत्ति में 36% की कमी आई है। मौजूदा विधायकों में ये सबसे कम है।