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Source
Aaj Tak
Date
City
New Delhi

तमाम चुनाव सुधारों की वकालत होने के बावजूद भी राजनीतिक पार्टियां विधानसभा चुनावों में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से बिल्कुल नहीं झिझक रही है. चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण का नामांकन कर चुके उम्मीदवारों के हलफनामे का निरीक्षण किया है. एडीआर ने पहले चरण के लिए कुल 615 नामांकन दाखिल कर चुके उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामे का अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट जारी की है.

एडीआर की रिपोर्ट की मानें तो पहले चरण के कुल 615 उम्मीदवारों में से 156 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है यानी पहले चरण में कुल 25% दागी उम्मीदवार हैं. इतना ही नहीं इनमें से 121 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं यानी कुल 20% गंभीर मामलों में आरोपी पार्टियों द्वारा उम्मीदवार बनाए गए हैं.

किस पार्टी ने कितने दागी उतारे? 

पहले चरण में समाजवादी पार्टी के टिकट पर नामांकन भरने वाले कुल 28 उम्मीदवारों में 21 उम्मीदवार यानि 75 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी हलफनामे में दी है. राष्ट्रीय लोक दल द्वारा 29 उम्मीदवारों में से 17 उम्मीदवार यानी 59 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. तो वहीं बीजेपी के 57 उम्मीदवारों में से 29 यानी 51 फीसदी उम्मीदवार दागी पाए गए हैं.

कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों में से कुल 21 यानी 36 फीसदी के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं. तो वहीं बहुजन समाज पार्टी के 56 उम्मीदवारों में से 19 यानी 34 फीसदी आरोपी है. आम आदमी पार्टी द्वारा उतारे गए 52 उम्मीदवारों में से आठ यानी 15 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी हलफनामे में दर्ज की है.

उम्मीदवारों पर महिला अपराध से जुड़े मामले भी दर्ज

उम्मीदवारों पर दर्ज गंभीर आपराधिक मामलों की बात करें तो उसमें समाजवादी पार्टी के 17 उम्मीदवार यानी 61 फीसदी, राष्ट्रीय लोक दल के 15 उम्मीदवार यानी 52 फीसदी, तो बीजेपी के 22 उम्मीदवार यानी 39 फीसदी, कांग्रेस के 11 उम्मीदवार यानी 19 फीसदी जबकि बहुजन समाजवादी पार्टी के 16 उम्मीदवार यानी 29 फीसदी, आम आदमी पार्टी के 5 उम्मीदवार यानी 10 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. ‌

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण के 12 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज है जिनमें से एक उम्मीदवार के खिलाफ बलात्कार का मामला भी लंबित है. कुल 6 उम्मीदवारों के खिलाफ धारा 302 यानी हत्या का मुकदमा भी दर्ज है तो वही 30 उम्मीदवारों के खिलाफ धारा 307 यानी हत्या के प्रयास का मुकदमा भी दर्ज है.

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी पार्टियों को नसीहत

यूं तो सुप्रीम कोर्ट ने नसीहत दी थी कि राजनीतिक दल आपराधिक छवि वाले नेताओं से परहेज करें, लेकिन पहले चरण में सभी राजनीतिक दल अदालत की नसीहत को दरकिनार करते हुए नजर आ रहे हैं. पूर्व के चुनावों पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश की सियासत में अपराधियों को टिकट देने की पुरानी परंपरा रही है. और इस बार भी कुछ वैसे ही आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.