UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर एडीआर ने चुनाव खर्च पर रिपोर्ट जारी की है। कोरोना संक्रमण के बीच हुए चुनाव में विधायकों ने तय खर्च सीमा 40 लाख रुपए का 47 फीसदी ही खर्च किया। वे जीत भी गए। विधायकों ने 18.88 लाख रुपये खर्च किए। एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक, 403 में से 393 ने ही अब तक चुनाव खर्च घोषित किया है। इस चुनाव में छह विधायकों ने बिना वाहन का उपयोग किए प्रचार किया। वहीं, 62 एमएलए ने प्रचार सामग्री पर कोई खर्च नहीं किया। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि 97 विधायकों ने अपने कार्यकर्ताओं पर एक पैसा खर्च नहीं किया। 79 विधायकों ने स्टार प्रचारकों को नहीं उतारा। 46 विधायकों ने सामान्य जुलूसों, बैठकों पर कोई खर्च नहीं किया। वहीं, 139 विधायकों ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से भी प्रचार नहीं किया।
एक लाख खर्च करके चुनाव जीते हिमांशु यादव
शेखुपुर विधानसभा सीट से हिमांशु यादव महज एक लाख रुपये खर्च करके चुनाव जीतने में सफल रहे। इस प्रकार वे सबसे कम खर्च पर विधायक बनने वाले विधायक बने हैं।
सबसे अधिक खर्च जय कुमार सिंह ने किया
यूपी चुनाव 2022 में सबसे अधिक खर्च जय कुमार सिंह जैकी ने किया। अपना दल सोनेलाल के टिकट पर बिंदकी विधानसभा से उतरे जैकी ने चुनाव में 35 लाख रुपये खर्च किए।
चुनाव खर्च में कांग्रेस पहले नंबर पर
यूपी चुनाव में कांग्रेस के दो विधायकों ने चुनाव में सबसे अधिक खर्च किया। दोनों विधायकों का औसत खर्च 22.66 लाख रुपए हुआ है। पार्टी चुनाव में दो सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई।
भाजपा से अधिक निषाद पार्टी का खर्च
भाजपा के 247 विधायकों ने जीत के लिए औसतन 21.08 लाख रुपये चुनाव प्रचार में खर्च किए। वहीं, एनडीए के सहयोगी निषाद पार्टी के विधायकों का औसत चुनाव खर्च 21.30 लाख रुपये रहा। अपना दल एस ने 17.16 लाख रुपये खर्च किए।
सपा विधायकों ने किए कम खर्च
समाजवादी पार्टी के 109 विधायकों ने औसत 14.88 लाख रुपये चुनाव में खर्च किए। वहीं, सुभासपा ने 14.74 लाख और रालोद ने 9.55 लाख रुपये खर्च किए।
बसपा का खर्च सबसे कम
बसपा को एक सीट पर जीत मिली। पार्टी के विधायक को 9.43 रुपये चुनाव में खर्च करने पड़े। वहीं, दो सीट जीतने वाली जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के विधायकों ने 17.90 लाख रुपये खर्च करने पड़े।