Source: 
News 85
Author: 
Date: 
04.05.2022
City: 
Lucknow

उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी सीटों के लिये हाल ही में हुए चुनाव में निर्वाचित हुए 36 सदस्यों (एमएलसी) में लगभग सभी करोड़पति हैं और इनकी औसत संपत्ति 17.39 करोड़ रुपये है। इतना ही नहीं लगभग आधे नवनिर्वाचित एमएलसी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।

चुनाव सुधार पर शोध से जुड़ी संस्था एडीआर की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार विधान परिषद की 35 सीटों पर चुने गये 36 में से 14 एमएलसी (40 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले और 9 एमएलसी (26 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। इनमें से तीन के खिलाफ हत्या और चार के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है। एडीआर ने स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्ट 35 एमएलसी के हलफनामों के विश्लेषण पर आधारित है।

इनमें से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 33 में से 13 एमएलसी (39 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले और नौ एमएलसी (27 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 94 प्रतिशत अर्थात 33 नवनिर्वाचित एमएलसी करोड़पति हैं। इनमें से भाजपा के 33 में से 31 एमएलसी ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है, जबकि दोनों निर्दलीय एमएलसी ने भी खुद को हलफनामे में करोड़पति घोषित किया है।

नवनिर्वाचित एमएलसी के शैक्षिक स्तर के बारे में रिपोर्ट बताती है कि 35 में से 7 एमएलसी (20 प्रतिशत) कक्षा आठ से 12वीं तक ही पढ़ सके हैं, जबकि 28 एमएलसी (80 प्रतिशत) स्नातक या इससे अधिक शिक्षित हैं। उम्र के लिहाज से 14 एमएलसी (40 प्रतिशत) 50 साल तक की आयु के हैं और 21 एमएलसी (60 प्रतिशत) की उम्र 51 से 80 साल के बीच है।

© Association for Democratic Reforms
Privacy And Terms Of Use
Donation Payment Method