उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ कैबिनेट (Yogi Adityanath Cabinet) में शपथ लेने वाले 45 में से 22 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और उनमें से ज्यादातर मंत्रियों पर गंभीर आरोप हैं। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कुल 45 मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण किया है।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, योगी कैबिनेट के 49 फीसदी (22) मंत्रियों ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। वहीं, 20 मंत्रियों (44 फीसदी) ने अपने ऊपर गंभीर आरोपों की जानकारी दी है। योगी कैबिनेट में कुल 52 मंत्रियों ने शपथ ली थी जिनमें दो डिप्टी सीएम भी शामिल हैं।
एडीआर द्वारा शपथ पत्रों के विश्लेषण के बाद जानकारी सामने आई है कि योगी कैबिनेट के 39 मंत्री (87 फीसदी) ऐसे हैं जिनकी संपत्ति एक करोड़ या इससे अधिक है और उनकी औसत संपत्ति 9 करोड़ आंकी गई है। इन 45 मंत्रियों में पांच महिलाएं शामिल हैं। एडीआर द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 9 (20 फीसदी) मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता आठवीं से 12वीं कक्षा के बीच बताई है, जबकि योगी कैबिनेट के 36 (80 फीसदी) मंत्री स्नातक हैं।
वहीं, योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के 8 मंत्रियों की संपत्ति या उनके आपराधिक इतिहास का विश्लेषण नहीं हो पाया है। निषाद पार्टी के मुखिया और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के अलावा जितिन प्रसाद के हलफनामे विश्लेषण के लिए उपलब्ध नहीं थे। जबकि मंत्रियों जेपीएस राठौर, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, दयाशंकर मिश्र दयालू, जसवंत सैनी और दानिश आजाद अंसारी के बारे में भी विश्लेषण नहीं किया गया क्योंकि वे वर्तमान में न तो राज्य विधानसभा के सदस्य हैं और न ही विधान परिषद के सदस्य हैं।
हलफनामे के मुताबिक, तिलोई विधानसभा से जीत कर आए मयंकेश्वर सिंह सबसे अमीर मंत्री हैं, जिनके पास 58.07 करोड़ की संपत्ति है। सबसे कम संपत्ति एमएलसी धर्मवीर सिंह की है, जिन्होंने अपनी संपत्ति 42.91 लाख रुपए घोषित की है। इसके अलावा 20 (फीसदी) मंत्री ऐसे हैं, जिनकी उम्र 30 से 50 साल के बीच है। साथ ही 25 (56 फीसदी) मंत्रियों की आयु 51 से 70 साल की बीच है।