योगी सरकार 2.0 का गठन हो चुका है। जिसकी चर्चा यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है। क्योंकि योगी कैबिनेट में इस समय देश के कई राज्यों की तरह ही सबसे ज्यादा योग्य एवं पढ़ी लिखी कैबिनेट में शुमार है। दरअसल एडीआर ने मंत्रिपरिषद 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए दिए गए हलफनामों का आकलन किया है। योगी 2.0 की कैबिनेट में 45 में से 18 मंत्री पोस्ट ग्रेजुएट हैं, 9 मंत्री आठ से 12 तक की पढ़ाई वाले हैं। तो वहीं 8 ग्रेजुएट और 2 डॉक्टर हैं। लेकिन योगी को उनके माननीय ही चुनौती देते दिख रहे हैं, क्योंकि कैबिनेट में दागी भी हैं। उसके अनुसार 22 यानी (49 फीसदी) मंत्रियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले और 20 (44 फीसदी) मंत्रियों ने गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकारी है।
विवरण उपलब्ध न होने के कारण विश्लेषण में नहीं है शामिल
एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्मस (एडीआर)/उप्र इलेक्शन वाच के अनुसार मंत्री जितिन प्रसाद व संजय निषाद के शपथपथ स्पष्ट न होने तथा जेपीएस राठौर, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, दयाशंकर मिश्र दयालु, जसवंत सैनी दानिश आजाद अंसारी का विवरण उपलब्ध न होने की वजह से उन्हें विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया है। शेष 45 मंत्रियों के विश्लेषण में सामने आया है कि 22 (49 प्रतिशत) ऐसे मंत्री हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि इनमें 20 (44 प्रतिशत) ऐसे हैं, जिन्होंने अपने विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं।
योगी कैबिनेट में 45 में से 39 मंत्री है करोड़पति
योगी सरकार 2.0 में करोड़पति मंत्रियों की तो 45 में से 39 मंत्री करोड़पति हैं। उनकी औसतन संपत्ति नौ करोड़ रुपये है। सबसे अधिक अमीर तिलोई से विधायक और मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति की घोषणा 58.07 करोड़ की है। जबकि विधान परिषद से चुने गए धर्मवीर ने सबसे कम 42.91 लाख की संपत्ति की घोषणा की है। जहां तक सवाल देनदारियों का है तो इसमें राकेश सचान सबसे अव्वल हैं, उन पर 8.17 करोड़ की देनदारियां हैं।
सबसे अधिक मुकदमें नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर
मंत्रिपरिषद में शामिल जिन सदस्यों के विरुद्ध आपराधिक मामले घोषित हैं उनमें नंद गोपाल गुप्ता नंदी, योगेन्द्र उपाध्याय, मनोहर लाल, डा.सोमेन्द्र सिंह तोमर, गिरीश चंद्र यादव, संजय सिंह गंगवार, दिनेश खटीक, अनिल राजभर, ब्रजेश सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, सुरेश राही, प्रतिभा शुक्ला, विजयलक्ष्मी गौतम, रमेश सिंह, दया शंकर सिंह, मयंकेश्वर शरण सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, भूपेंद्र चौधरी, राकेश सचान, कपिल देव अग्रवाल, रविंद्र जायसवाल व धर्मपाल सिंह के नाम शामिल हैं। सबसे अधिक मामले प्रयागराज से जीतकर आए नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर हैं।
योगी 2.0 में 18 मंत्री पोस्ट ग्रेजुएट और दो है डॉक्टर
योगी सरकार 2.0 में चुने गए मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता के विश्लेषण में सामने आया है कि नौ (20 प्रतिशत) मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता आठवीं से 12वीं के बीच घोषित की है। 18 मंत्री पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 8 ग्रेजुएट और 2 डॉक्टर भी हैं। 36 (80 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक व उससे अधिक घोषित की है। इसके अलावा 20 (44 प्रतिशत) मंत्री ऐसे हैं, जिनकी आयु 30 से 50 वर्ष के मध्य है। जबकि 25 (56 प्रतिशत) मंत्रियों की आयु 51 से 70 वर्ष की बीच है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पारी में योगी सरकार किस लक्ष्य का साथ आई है।