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बिहार में राजनीति और अपराध का जैसे चोली दामन का साथ हो। हर चुनाव में अपराध कम करने की बातें होती हैं। अपराधियों पर नकेल कसने के वादे होते हैं, लेकिन अपराधियों को ही टिकट भी दिया जाता है। सभी प्रमुख दलों ने इस बार भी दागी नेताओं को मैदान में उतारा है। पहले चरण में जहां 31% दागी नेता मैदान में थे, दूसरे चरण में 34 प्रतिशत ऐसे लोग चुनाव लड़ रहे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। चुनाव संबंधी गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने दूसरे चरण के प्रत्याशियों की रिपोर्ट मंगलवार को जारी की। इसके अनुसार सबसे ज्यादा राष्ट्रीय जनता दल ने ऐसे लोगों को टिकट दिया है जिनपर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। राजद के बाद भाजपा ने दागी नेताओं को टिकट दिया है। जदयू, लोजपा यहां तक कि कांग्रेस भी इस मामले में पीछे नहीं है।

राजद ने 36, भाजपा ने 29, जदयू ने 20 व लोजपा ने 28 आरोपियों को दिया टिकट

रिपोर्ट के अनुसार राजद के 56 उम्मीदवारों में से 36 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 28 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। भारतीय जनता पार्टी के 46 उम्मीदवारों में से 29 पर आपराधिक मामले हैं। इसमें से 20 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जद (यू) के 43 में से 20 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जद-यू के 15 प्रत्याशियों पर गंभीर मामले दर्ज हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के 52 उम्मीदवारों में से 28 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 24 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 24 उम्मीदवारों में से 14 और बहुजन समाज पार्टी के 33 में से 16 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बसपा के 14 और कांग्रेस के 10 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस तरह कोई भी बड़ी पार्टी ऐसी नहीं है, जिसने दागी लोगों को टिकट न दिया हो।