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New Delhi

वित्त वर्ष 2016-17 में बीजेपी को 290.22 करोड़ रुपये चंदा मिला. ये तमाम राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल ट्रस्टों से मिले कुल चंदे का 89.22% है. कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, समाजवादी पार्टी समेत अन्य 9 राजनीतिक दलों में सभी को मिलाकर 35.05 करोड़ रुपये चंदा ही मिल सका.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से आकंड़ों के संकलन और समीक्षा के मुताबिक प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी को 252.22 करोड़ या उसे मिले कुल चंदे का 88.90% दिया. वहीं जनता निर्वाचक इलेक्टोरल ट्रस्ट की ओर से बीजेपी को 25 करोड़ रुपए चंदा दिया गया. दिलचस्प बात ये है कि जनता इलेक्टोरल ट्रस्ट ने अपनी पूरी आय यानी 100 फीसदी बीजेपीको दान में दे दी.

एडीआर के प्रमुख मेजर जनरल (रिटायर्ड) अनिल वर्मा ने इंडिया टुडे को बताया, ‘बीते कई वर्षों से ऐसा ही ट्रेंड देखा जा रहा है. जो भी पार्टी सत्ता में होती है उसे ही सबसे ज्यादा चंदा मिलता है. जब यूपीए की सत्ता थी तो कांग्रेस को अधिकतम चंदा मिलता था. अब इसमें हैरानी वाली बात नहीं कि बीजेपी साफ तौर पर चंदे के मामले में सबसे पसंदीदा है.’

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT)  में 21 इलेक्टोरल ट्रस्ट रजिस्टर्ड हैं. इनमें से सिर्फ 14 ने ही वर्ष 2016-17 के लिए अपने चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को दी है. 2013-14 से 2016-17 के बीच रजिस्टर्ड 9 इलेक्टोरल ट्रस्टों ने राजनीतिक दलों को कुल 637.54 करोड़ रुपया दान दिया. 2013-14 में राजनीतिक दलों को 85.37 करोड़, 2014-15 में 177.40 करोड़, 2015-16 में 49.50 करोड़ और 2016-17 में 325.27 करोड़ रुपये दान मिला.

केंद्र सरकार की ओर से तय नियमों के मुताबिक इलेक्टोरल ट्रस्टों को संबंधित वित्त वर्ष में अपनी कुल आय का 95% हिस्सा राजनीतिक दलों को दान देना होता है. चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड इलेक्टोरल ट्रस्टों में से 6 ने वित्त वर्ष 2016-17 में कॉरपोरेट्स और निजी तौर पर व्यक्तियों से 325.45 करोड़ रुपये मिलने की बात कही. इनमें से 99.2 फीसदी यानी 325.27 करोड़ रुपये विभिन्न राजनीतिक दलों को दान में दिए गए. सारे ट्रस्टों में से प्रूडेंट को सबसे अधिक 283.73 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें से 283.72 करोड़ का चंदा छह राजनीतिक दलों को दिया गया. 2016-17 में सभी ट्रस्टों को जितनी रकम मिली उसमें से अकेले प्रूडेंट को ही 87.18% मिली थी.

तीन इलेक्टोरल ट्रस्टों ने सिर्फ एक-एक पार्टी को ही चंदा दिया. इनमें बीजेपी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस शामिल हैं. प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट अकेले ऐसे दो ट्रस्ट हैं, जिन्होंने पांच या उससे ज्यादा पार्टियों को चंदा दिया. इनमें बीजेपी, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल कॉमन हैं.

तीन इलेक्टोरल ट्रस्टों (जनता निर्वाचक, परिवर्तन और ट्रम्फ) ने राजनीतिक दलों को दिए चेकों की जानकारी नहीं सौंपी है. 2016-17 में इलेक्टोरल ट्रस्टों को रकम देने वाले कॉरपोरेट्स या निजी व्यक्तियों में अव्वल डीएलएफ लिमिटेड रही. डीएलएफ ने कुल 28 करोड़ रुपये दिए. इसके बाद यूपीएल लिमिटेड और जेएसडब्ल्यू एनर्जी लिमिटेड का रहा. इन्होंने 25-25 करोड़ रुपये दिए. निजी व्यक्तियों में सिर्फ दो ने इलेक्टोरल ट्रस्टों को रकम दी. इनमें सुरेश कोटक ने 18.5 करोड़ रुपये जनता निर्वाचक इलेक्टोरल ट्रस्ट को दिए. वहीं अनलजीत सिंह ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 1 करोड़ रुपए दिए. दस टॉप डोनर्स ने इलेक्टोरल ट्रस्टों को 190.60 करोड़ रुपये दिए, जो ट्रस्टों को वर्ष 2016-17 में कुल मिले चंदे का 58.57 फीसदी है.