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Date: 
05.12.2018
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राजस्थान में 7 दिसंबर को करीब 5 करोड़ मतदाता, अपने नुमाइंदों को चुनेंगे। राजनीति से अपराध को दूर रखने की कुछ जिम्मेदारी नागरिकों पर भी होगी। मतदान से पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स  (एडीआर) और राजस्थान इलेक्शन वॉच ने प्रदेश में उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर बड़े खुलासे किए हैं। इस रिपोर्ट को हम नेता का रिपोर्ट कार्ड भी कह सकते है। इस रिपोर्ट कार्ड को एडीआर के प्रतिनिधियों अनिल वर्मा और रेणुका पामेचा ने जारी किया है। 

 

195 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले

कुल 2298 उम्मीदवारों में से 320 उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक और 195 उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार इस बार प्रदेश में ऐसे 48 विधानसभा क्षेत्र हैं जहां 3 या इससे ज्यादा उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक मामले घोषित किए। 
 

चुनाव में अपराधी उम्मीदवार

इस बार के विधानसभा चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशिययों को टिकट देने का प्रतिशत आप, बसपा ,कांग्रेस, और भाजपा जैसे प्रमुख दलों ने बढ़ा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में इस बार कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 22 प्रतिशत, भाजपा ने 17 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी ने 18 और बसपा ने 17 प्रतिशत आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को राजस्थान के रण में उतारा है।

 

बता दें इस बार चुनाव लड़ने वाले 2294 प्रत्याशियों में से 2188 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया। इन सभी उम्मीदवारों में से 608 राष्ट्रीय दलों से, 209 प्रादेशिक दलों से, 584 गैर मान्यता प्राप्त दलों से और 787 निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है। हालांकि 106 प्रत्याशी ऐसे है, जिनके शपथ पत्र का विश्लेषण नही हो पाया है, क्योकि उम्मीदवारों के शपथ पत्रों में जानकारी स्पष्ट नही थी।

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