चुुनाव सुधार की दिशा में काम करने वाली संस्था ADR ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में 2188 उम्मीदवारों के हलफनामें का अध्ययन किया है. आंकड़ों के मुताबिक इस बार 320 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले, 597 करोड़पति,161 साक्षर और 12 निरक्षर उम्मीदवार मैदान में हैं
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार करोड़पति और दागी उम्मीदवारों की संख्या 2013 के चुनाव की तुलना में ज्यादा है. चुनाव सुधार के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने 2294 उम्मदवारों में से 2188 प्रत्याशियों के शपथपत्र का अध्ययन किया है. इनमें से 320 उम्मीदवार दागी और 597 करोड़पति उम्मीदवार हैं.
आपराधिक पृष्ठभूमि
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में कुल 2188 उम्मीदवारों में 320 यानी 15 फीसदी प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि 2013 के चुनावों में कुल 2030 प्रत्याशियों में से दागी उम्मीदवारों की संख्या 224 यानी 11 फीसदी थी. इस बार के चुनाव में 195 उम्मीदवारों के ऊपर गंभीर मामले दर्ज हैं, जबकि 2013 के चुनाव में 140 उम्मीदवार ऐसे थे जिनके ऊपर गंभीर मामले दर्ज थे.
इस बार 4 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके ऊपर हत्या का मामला, वहीं 25 उम्मीदवारों पर हत्या की कोशिश का मामला, 11 उम्मीदवारों पर किडनैपिंग का मामला दर्ज है. 16 उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में बताया है कि उनके ऊपर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं.
दागी उम्मीदवारों के मामले में इस बार कांग्रेस बीजेपी से आगे है. कांग्रेस के 193 उम्मीदवारों में से 43 यानी 22 फीसदी दागी उम्मीदवार हैं, तो वहीं बीजेपी के 198 उम्मीदवारों में से 33 यानी 17 फीसदी दागी हैं. आम आदमी पार्टी के 141 में से 26 यानी 18 फीसदी दागी हैं. और बीएसपी के 178 में से 31 यानी 17 फीसदी दागी उम्मीदवार हैं.
अगर गंभीर आपराधिक मामलों की बात करें तो बीजेपी के 21 यानी 11 फीसदी, कांग्रेस के 27 यानी 14 फीसदी, आम आदमी पार्टी के 16 यानी 11 फीसदी और बीएसपी के 20 यानी 11 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जिनपर गंभीर धाराओं में मामले लंबित हैं. वहीं, राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा की 48 यानी 24 फीसदी सीटों पर तीन या उससे ज्यादा उम्मीदवारों पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
आर्थिक पृष्ठभूमि
राजस्थान विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की आर्थिक पृष्ठभूमि की बात करें तो 179 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके पास 5 करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है, जबकि 212 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच है. वहीं, 50 लाख से 2 करोड़ की संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या 447 है. जबकि 600 उम्मीदवार ऐसे है जिनकी संपत्ति 10 लाख से 50 लाख और 750 उम्मीदवारों की संपत्ति 10 लाख से कम की है.
आंकड़ों के मुताबिक जमींदारा पार्टी की कामिनी जिंदल सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, इनकी संपत्ति 287 करोड़ रुपये है. दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार परसराम मोरदिया हैं, जिनकी संपत्ति 172 करोड़ रुपये हैं. जबकि तीसरे स्थान पर बीजेपी विधायक और नीम का थाना से उम्मीदवार प्रेम सिंह बाजौर हैं, जिनकी संपत्ति 142 करोड़ रुपये है.
2188 उम्मीदवारों में 597 यानी 27 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. वहीं, 2013 के चुनाव में 2030 उम्मीदवारों में 508 यानी 25 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति थे. बीजेपी के 198 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 6.88 करोड़, कांग्रेस के 193 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 7.57 करोड़, आम आदमी पार्टी के 141 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 75.70 लाख और बीएसपी के 178 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.03 करोड़ है.
इसके अलावा ADR के आंकड़ों के मुताबिक 1034 यानी 47 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं तक, वहीं 949 यानी 43 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे ज्यादा है. जबकि 161 यानी 7 फीसदी उम्मीदवार सिर्फ साक्षर हैं और 12 यानी 1 फीसदी उम्मीदवार निरक्षर हैं.
इस बार के चुनाव में 182 यानी 8 फीसदी महिला उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में 152 यानी 7 फीसदी महिला उम्मीदवार थीं. वहीं 847 उम्मीदवारों की आयु 25 से 40 वर्ष के बीच है, 1019 उम्मीदवारों की आयु 41-60 वर्ष है. 318 उम्मीदवारों की आयु 61 से 80 वर्ष है जबकि 4 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी आयु 80 वर्ष से ज्यादा है.