भारतीय राजनीति में करोड़पति नेताओं की कमी नहीं है. बल्कि खबर तो तब बनती है, जब कोई नेता बड़ा गरीब-गुरबा हो, बीएमडब्लू की जगह ऑडी से चलता हो.
राजस्थान की 15वीं विधानसभा के लिए भी विधायक चुन लिए गए हैं और उनकी संपत्ति का लेखा-जोखा भी निकल गया है. राजस्थान की इस विधानसभा के 199 विधायकों में से 158 'करोड़पति' हैं. साल 2013 के पिछले विधानसभा चुनाव में यह संख्या 145 थी.
एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के 99 में से 82 विधायक, बीजेपी के 73 में से 58 विधायक, बीएसपी के छह में से पांच विधायक और 13 में से 11 निर्दलीय विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति का मूल्य एक करोड़ रुपए से अधिक बताया है.
आईटी रिटर्न में अपनी कुल संपत्ति घोषित करने वाले धनाढ्यों में परसराम मोरदिया (172 करोड़ रुपए), उदयल आंजना (107 करोड़ रुपए) और रामकेश (39 करोड़ रुपए) है .
वहीं सबसे कम संपत्ति दिखाने वाले विधायकों में सबसे युवा विधायक राजकुमार रोत, मुकेश कुमार भाकर व रामनिवास गावरिया हैं.
रिपोर्ट के अनुसार 59 विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं पास से 12वीं पास दिखाई है जबकि 129 विधायकों की घोषित शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन और इससे ऊपर है. सात विधायकों ने खुद को सिर्फ साक्षर बताया है.
इसके अलावा एडीआर ने ही मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले रिपोर्ट जारी कर बताया था कि इस विधानसभा चुनाव में 656 करोड़पति उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. इन चुनावों में 2899 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था. 2899 में से 2716 प्रत्याशियों के हलफनामे का अध्ययन करने के बाद मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच और एडीआर ने बताया था कि 656 उम्मीदवार करोड़पति हैं.