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पिछले दो विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि राजस्थान विधानसभा में आपराधिक रिकॉर्ड वाले दागी और करोड़पति विधायकों की तादाद बढ़ रही है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार 2008 में बीजेपी के 8 प्रतिशत विधायक दागी थे तो 2013 में यह बढ़कर 16 प्रतिशत हो गए। वहीं कांग्रेस के दागी विधायकों की संख्या 16 से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई। करोड़पति विधायकों की बात करें तो 2008 में ये 46 प्रतिशत थे जो 2013 में बढ़कर 72 प्रतिशत हो गए। 

करोड़पति विधायक
वर्ष 2008 में विधायकों की औसत संपत्ति 2 करोड़ 8 लाख 56474 रुपए थी, जो वर्ष 2013 में बढ़कर 5 करोड़ 81 लाख 44654 रुपए पहुंच गई। प्रदेश के 200 विधायकों में से 141 विधायक करोड़पति हैं।

सबसे अधिक संपत्ति वाले विधायक
- कामिनी जिंदल, गंगानगर, जमींदारा पार्टी - 197 करोड़
- विश्वेंद्र सिंह, डीग-कुम्हेर, कांग्रेस, 118 करोड़ 
- प्रेम सिंह, नीम का थाना - बीजेपी,  87 करोड़ 
- गोपालकृष्ण, बीकानेर वेस्ट, बीजेपी, 27 करोड़
- राजेन्द्र यादव, कोटपुतली, कांग्रेस, 27 करोड़

सबसे कम संपत्ति वाले विधायक 
- सोना देवी- रायसिंहनगर, जमींदारा पार्टी - 61357 रुपये
- धीरज गुर्जर- जहाजपुर, कांग्रेस, 2 लाख 
- शिमला बावरी, अनूपगढ़, 9 लाख

दागी विधायक
वर्ष 2008 की तुलना में आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या वर्ष 2013 में 26 प्रतिशत तक बढ़ी है। वर्ष 2008 में आपराधिक रिकॉर्ड वाले 46 प्रतिशत थे जो बढ़कर वर्तमान में 72 प्रतिशत हुए है। बीजेपी के 25 विधायकों पर मामले दर्ज थे जिनमें 16 गंभीर आपराधिक मामले थे। कांग्रेस के 6 विधायकों पर मामले दर्ज थे। 7 निर्दलीय विधायको में से 2 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है।