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देश के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने वित्त वर्ष 2019-20 में अज्ञात स्त्रोतों से कुल 3,377 करोड़ रुपये का भारी भरकम चंदा हासिल किया है।

सबसे बड़ी बात यह है कि अज्ञात स्त्रोतों से चंदा हासिल करने में केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने सभी दलों को पछाड़ दिया है और कुल चंदे का 78.24 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया है।

चुनावी पारदर्शिता पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

अज्ञात स्त्रोतों से आय का क्या है अर्थ?

अज्ञात स्रोतों से आय का मतलब आयकर रिटर्न में घोषित उस राशि से है जिसमें दानकर्ता के नाम की जानकारी नहीं होती और दान में हासिल की की गई राशि 20,000 से कम होती है।

इसी तरह अज्ञात स्रोतों में चुनावी बांड, कूपन की बिक्री, राहत कोष, विविध आय, स्वैच्छिक योगदान और बैठक और मोर्चा में दिए गए योगदान की राशि को भी शामिल किया जाता है। ऐसे में राजनीतिक दल दान देने वाले का नाम उजागर नहीं करते हैं।

राष्ट्रीय दलों ने पिछले 15 सालों में अज्ञात स्त्रोतों से हासिल किया ​​14,651 करोड़ का चंदा

ADR की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय दलों में शुमार भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने साल 2004-15 से 2019-20 के बीच 15 सालों में अज्ञात स्त्रोतों से ​​14,651.53 करोड़ रुपये का चंदा हासिल किया है।

चुनाव आयोग के नियमानुसार इस राशि को देने वाले दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

अज्ञात स्त्रोतों से भाजपा को मिला सबसे अधिक चंदा

ADR की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019-20 में सभी दलों को अज्ञात स्त्रोतों से कुल 3,377.41 करोड़ रुपये का चंदा मिला है, जो उनकी कुल आय का 70.98 प्रतिशत है।

इसमें से अकेली भाजपा को सबसे अधिक 78.24 प्रतिशत यानी 2,642.63 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। इसी तरह कांग्रेस को 15.57 प्रतिशत यानी 526 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।

सभी दलों को कुल राशि का 88.64 प्रतिशत यानी 2,993.826 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के रूप में मिले हैं।

सभी दलों को नकद में मिला महज 3.18 लाख रुपये का चंदा

ADR की रिपोर्ट के अनुसार, सभी राष्ट्रीय दलों को 2019-20 में 20,000 रुपये से अधिक के रूप में महज 3.18 लाख रुपये नकद में मिले हैं। पिछले 15 सालों में कांग्रेस और NCP ने 4,096.725 करोड़ रुपये चुनावी कूपन की बिक्री से की है।

राष्ट्रीय दलों को ज्ञात स्त्रोतों से हुई कुल 1,013 करोड़ रुपये की आय

ADR की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में सभी सात राष्ट्रीय दलों को चंदे के रूप में कुल 4758.206 करोड़ रुपये की आय हुई थी।

इसमें से 70.98 प्रतिशत यानी 3,377.41 करोड़ रुपये अज्ञात स्त्रोतों से और 21.31 प्रतिशत यानी 1,013.805 करोड़ रुपये की आय ज्ञात स्त्रोतों से हुई है।

इसी तरह 7.71 प्रतिशत यानी 366.991 रुपये की आय अन्य ज्ञात स्त्रोतों से हुई है। इस दौरान भाजपा ने सबसे ज्यादा चंदा हासिल किया है।

RTI के अंतर्गत आने को तैयार नहीं पार्टियां

केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने जून, 2013 में राजनीतिक पार्टियों को सूचना के अधिकार कानून (RTI) के अंतर्गत आने का आदेश दिया था।

सभी मसलों पर एक-दूसरे के खिलाफ रहने वाली राजनीतिक पार्टियों ने इस मसले पर एकजुटता दिखाते हुए आज तक इस नियम का पालन नहीं किया है।

ADR जैसी संस्थाएं कई बार इस पर सवाल उठा चुकी हैं, लेकिन राजनीतिक दल चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार नहीं हैं।