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  • एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अक्टूबर से दिसंबर 2018 के बीच 543 लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में कराया था सर्वे
  • इसमें 2 लाख 73 हजार 487 मतदाताओं ने अपनी राय रखी
  • सर्वे में 31 मुद्दों को शामिल किया गया था, आतंकवाद 30वें पायदान पर रहा 

नई दिल्ली. एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मतदाता के लिए रोजगार के अवसर, स्वास्थ्य सेवाएं और पीने का पानी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं। अक्टूबर से दिसंबर 2018 के बीच सर्वे कराया गया था। सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार का प्रदर्शन औसत से नीचे करार दिया गया।

सर्वे 543 लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में कराया गया था, जिसमें 2 लाख 73 हजार 487 मतदाताओं ने अपनी राय रखी। एडीआर के संस्थापक सदस्य जगदीप छोकर ने बताया कि आतंकवाद को भी सर्वे के 31 मुद्दों में शामिल किया गया था। सर्वे में यह 30वें पायदान पर रहा।

46.8% लोग बोले- रोजगार का बेहतर मौका जरूरी
सर्वे के मुताबिक, 46.80% लोगों ने रोजगार के बेहतर मौके को सबसे जरूरी करार दिया। इसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं (34.60%), पीने का पानी (30.50%), बेहतर सड़कें (28.34%) और पब्लिक ट्रांसपोर्ट (27.35%) को प्राथमिकता सूची में रखा गया। मतदाताओं ने प्राथमिकता सूची में छठे पायदान पर खेती के लिए पानी (26.40%), सातवें पर कृषि लोन (25.62%), आठवें पर कृषि उत्पादों की ज्यादा कीमत (25.41%) और नौंवे पर बीजों/उर्वरकों पर मिलने वाली सहायता (25.06%) को रखा।  

छोकर का दावा है कि सरकार के कामकाज का आकलन 1 से 5 के स्केल पर किया गया। लोगों ने इसे औसत से नीचे करार दिया। चूंकि सर्वे पिछले साल किया गया था, इसलिए इसमें बालाकोट एयर स्ट्राइक और राष्ट्रीय सुरक्षा को शामिल नहीं किया गया।

मुद्दा कितने फीसदी लोगों ने प्राथमिकता दी
रोजगार 46.80%
स्वास्थ्य सेवाएं 34.60%
पीने का पानी 30.50%
बेहतर सड़कें 28.34%
पब्लिक ट्रांसपोर्ट 27.35%
खेती के लिए पानी 26.40%
कृषि लोन 25.62%
कृषि उत्पादों की ज्यादा कीमत 25.41%
बीजों/उर्वरकों पर मिलने वाली सहायता 25.06%

1500 दागी उम्मीदवार मैदान में

लोकसभा चुनाव में 19% यानी 1500 दागी उम्मीदवार मैदान में हैं। 2014 के आम चुनाव में 17% यानी 1404 प्रत्याशियों ने अपने ऊपर अपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी थी। 2009 में ऐसे 1158 प्रत्याशी थे। एडीआर ने इस बार चुनाव लड़ रहे 8049 में से 7928 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 1070 उम्मीदवारों पर दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर केस दर्ज हैं। 2014 में 8205 उम्मीदवारों में 908 यानी 11% पर ऐसे केस थे। 2009 में 7810 उम्मीदवारों में 608 यानी 8% पर गंभीर केस थे।

चुनाव कुल उम्मीदवार कितने दागी कितनों पर गंभीर आपराधिक केस
2019 7928 1500 1070
2014 8205 1404 908
2009 7810 1158 608

55 उम्मीदवारों पर हत्या का आरोप

56 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने हलफनामे में यह घोषित किया कि वे आपराधिक मामलों में दोषी करार दिए जा चुके हैं। 55 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा चल रहा है। 184 प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास का आरोप है। 47 उम्मीदवार फिरौती के लिए अपहरण के आरोपी हैं। 95 प्रत्याशियों के खिलाफ नफरतभरे बयान देने का मामला लंबित है। 126 प्रत्याशियों के खिलाफ महिलाओं से जुड़े अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न और महिलाओं के प्रति क्रूरता जैसे मामले शामिल हैं।

पार्टी कुल उम्मीदवार कितने दागी कितनों पर गंभीर आपराधिक केस
भाजपा 433 175 124
कांग्रेस 419   164 107
बसपा 381 85 61
सीपीआई 69 40 24
निर्दलीय 3370 400 292

335 मौजूदा सांसद लड़ रहे चुनाव

2019 में चुनाव लड़ रहे 335 मौजूदा सांसदों की औसत संपत्ति 23.65 करोड़ रुपए है। 2014 में इन सांसदों की मौजूदा औसत संपत्ति 16.79 करोड़ रुपए थी। पांच साल में मौजूदा सांसदों की औसत संपत्ति में 6.86 करोड़ रुपए की संपत्ति का इजाफा हुआ।

सिंधिया की संपत्ति में 341.47 करोड़ रु की बढ़ोतरी

उम्मीदवार पार्टी सीट (राज्य) 2019 में कुल संपत्ति 2014 में कुल संपत्ति
कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी कांग्रेस चेवेल्ला (तेलंगाना) 895 करोड़ रु 528.62 करोड़ रु
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस  गुना (मप्र) 374.56 करोड़ रु 33.08 करोड़ रु
डी के सुरेश कांग्रेस बेंगलुरु ग्रामीण (कर्नाटक) 338.89 करोड़ रु 85.87 करोड़ रु

2297 उम्मीदवार ऐसे जिनकी संपत्ति 1 करोड़ से ज्यादा
एडीआर ने जिन 7928 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है, उनमें 2297 यानी 29% प्रत्याशियों की संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा है। भाजपा के 48 उम्मीदवारों में 38 यानी 79% और कांग्रेस के 45 में से 32 यानी 71% उम्मीदवार करोड़पति हैं। बसपा के 33 में से 17 और सपा के नौ में से आठ उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ से अधिक बताई है। 31 निर्दलीय उम्मीदवार भी करोड़पति हैं।

पिछले चुनावों की तुलना में करोड़पति उम्मीदवार बढ़े

चुनाव कुल उम्मीदवार कितने करोड़पति 
2019 7928 2297
2014 8205 2217
2009 7810 1249

भाजपा के 361 उम्मीदवार करोड़पति

पार्टी कुल उम्मीदवार कितने करोड़पति (2019)  कितने करोड़पति (2014)
भाजपा 433 361 309
कांग्रेस 419   348 366
बसपा 381 127 162
सीपीआई 69 25 17
निर्दलीय 3370 506 -

*लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 4.14 करोड़ रुपए है।

उम्मीदवारों की औसत संपत्ति के मामले में कांग्रेस सबसे आगे 

पार्टी कुल उम्मीदवार औसत संपत्ति (करोड़ रु. में) 
भाजपा  433 13.37
कांग्रेस 419 19.92
बसपा 381 3.86
सीपीआई 69 1.28
निर्दलीय 3370 1.25

इस चुनाव में तीन सबसे अमीर उम्मीदवार

उम्मीदवार पार्टी सीट (राज्य) कुल संपत्ति (करोड़ रु. में)
रमेश कुमार वर्मा निर्दलीय पाटिलिपुत्र (बिहार) 1107
कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी कांग्रेस चेवेल्ला (तेलंगाना) 895
नकुलनाथ कांग्रेस छिंदवाड़ा (मप्र) 660

*60 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी कुल संपत्ति शून्य बताई है।

48% उम्मीदवार स्नातक या उससे ज्यादा शिक्षित
3477 यानी 44% उम्मीदवार 5 से लेकर 12 तक पढ़े हैं। 3808 (48%) उम्मीदवार स्नातक या उससे ज्यादा शिक्षित हैं। 253 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने बताया है कि सिर्फ शिक्षित हैं।

18 उम्मीदवारों की उम्र 80 साल से ज्यादा

4941 यानी 62% उम्मीदवारों की उम्र 25 से 50 के बीच है। 2932 (37%) उम्मीदवारों की उम्र 51 से 80 साल के बीच है। 18 उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 80 साल से ज्यादा बताई है। 35 उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी उम्र के बारे में जानकारी नहीं दी। 2 प्रत्याशियों की उम्र 25 साल से कम है। 716 यानी 9 % महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं। 2014 में 640 और 2009 में 556 महिलाएं चुनाव मैदान में थीं।