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लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई हैं। वहीं, राजनीतिक पार्टियां जोर आजमाइश में जुट गई हैं। वोटर्स ने भी अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए कमर कस ली है इस बार लोकसभा चुनाव में मिलेनियल्स की संख्या अधिक है। सरकार के कार्यकाल की लेखा जोखा पर हाल ही में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने पौने तीन लाख मतदाताओं के बीच सर्वे कराया जहां यह देखा गया कि अधिकतर लोगों की पहली प्राथमिकता रोजगार, हेल्थ और पेयजल है।

 

 

यह सर्वे अक्टूबर से दिसंबर के बीच 534 लोक सभा क्षेत्रों में किया गया

यह सर्वे अक्टूबर से दिसंबर के बीच 534 लोक सभा क्षेत्रों में किया गया। जहां अधिकतर 18 साल के युवाओं ने रोजगार, हेल्थ और पानी को टाॅप प्राथमिकता दी है। देश की मूलभूत प्राथमिकताओं पर केन्द्र सरकार के कामकाज से वोटर मतदाता असंतुष्ट हैं। भारतीय मतदाता राेजगार और मूलभूत सुविधाओं (स्वास्थ्य, पानी, बेहतर सड़कें आदि) को शासकीय मुद्दों से ऊपर प्राथमिकता देते हैं। रोजगार के बेहतर अवसर जोकि मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकता है इस पर सरकार के प्रदर्शन को खराब रेटिंग (5 के पैमाने पर 2.19 रेटिंग) मिली है।

रोजगार और स्वास्थ्य सुविधा पहली प्राथमिकता

एडीआर ने अखिल भारतीय मध्यावधि सर्वेक्षण 2017 में किया था। इसमें और 2018 के सर्वे के तुलनात्मक विश्लेषण से पता चलता है कि रोजगार और स्वास्थ्य सुविधा मतदाताओं की शीर्ष दो प्राथमिकताएं हैं। पिछले सर्वे की तुलना में सरकार का प्रदर्शन नए सर्वे में बढ़ने की जगह घट गया है। 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में से 29 राज्यों के मतदाताओं ने उनकी प्राथमिकताओं पर सरकार के प्रदर्शन को औसत से कम रेटिंग दी है। मतदाताओं की दस प्रमुख प्राथमिकताओं में सरकार का प्रदर्शन औसत से भी कम रहा है।