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Jansatta
https://www.jansatta.com/jansatta-special/loksabha-election-2024-moveable-assets-supreme-court-verdict-richest-candidates/3304291/
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https://www.jansatta.com/jansatta-special/loksabha-election-2024-moveable-assets-supreme-court-verdict-richest-candidates/3304291/
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New Delhi

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के सबसे अमीर कैंडिडेट्स में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ पहले पायदान पर हैं।

चुनाव में पैसों का खेल बढ़ता ही जा रहा है। चुनावी खर्च के रूप में भी और चुनाव लड़ने वाले उम्‍मीदवारों की अमीरी के रूप में भी। 2004 के लोकसभा चुनाव में जहां दस फीसदी उम्‍मीदवार करोड़पत‍ि थे, वहीं 2024 में वे 28 प्रत‍िशत (पहले चरण के) हैं। एक और बात यह सामने आ रही है क‍ि अमीर नेताओं के पास अचल से ज्‍यादा चल संपत्‍त‍ि है। देश भर के 10 सबसे अमीर उम्मीदवारों की कुल चल संपत्ति 1815 करोड़ है। यह उनकी कुल अचल संपत्ति (815 करोड़) के दोगुने से भी ज्यादा है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी आंकड़ों का व‍िश्‍लेषण करके बिजनेस स्टैंडर्ड ने यह जानकारी न‍िकाली है। विश्लेषण में पिछले चुनावों में देशभर में 10 अमीर उम्मीदवारों की चल संपत्तियों के औसत मूल्य की भी जांच की गयी, जिनमें गिरावट देखी गयी।

क्या कहते हैं उम्मीदवारों की संपत्ति के आंकड़े?

2024 के चुनाव के पहले चरण में औसत आधार पर 10 सबसे अमीर उम्मीदवारों की संपत्ति में चल संपत्ति का हिस्सा 46%, जबकि 2019 में यह 55% और 2014 में 93% था। वहीं, टॉप 10 उम्मीदवारों की संपत्ति का कुल मूल्य 2024 में अब तक (पहले चरण) 68%, 2019 में 49% और 2014 में 95% था। आंकड़ों के व‍िश्‍लेषण से यह भी पता चलता है कि पिछले 20 सालों में चुनावों में अमीर उम्मीदवार बढ़े हैं। 2004 में लगभग 10% उम्मीदवार करोड़पति थे, जो 2009 में 16%, 2014 में 27 प्रत‍िशत और 2019 में 29% तक पहुंच गए। पहले चरण के लिए उम्मीदवारों की सूची से पता चलता है कि 28% करोड़पति हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के सबसे अमीर कैंडिडेट्स

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के सबसे अमीर कैंडिडेट्स में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ पहले पायदान पर हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेकिट रिफॉर्म्स (ADR) ने चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी के आधार पर नकुल नाथ के पास 716 करोड़ रुपये की संपत्ति है।वहीं इस मामले में दूसरे सबसे अमीर उम्मीदवार AIADMK की ओर से इरोड (तमिलनाडु) से कैंडिडेट अशोक कुमार हैं। अशोक की कुल संपत्ति 662 करोड़ रुपये बताई गई है। लिस्ट में तीसरे सबसे दौलतमंद लोकसभा उम्मीदवार तमिलनाडु के शिवगंगा से चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार देवनाथन यादव टी के पास 304 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

टिहरी गढ़वाल से BJP के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं माला राज्य लक्ष्मी शाह के पास 206 करोड़ रुपये की संपत्ति है और उन्हें पहले चरण का चौथा सबसे अमीर कैंडिडेट बताया गया है, तो वहीं इस मामले में 5वें पायदान पर बसपा के देवबंद से कैंडिडेट माजिद अली हैं। माजिद अली ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 159 करोड़ रुपये घोषित की है।

पहले चरण में लगभग 28 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति

एडीआर के मुताबिक, पहले चरण में लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे लगभग 28 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं, जिनकी संपत्ति 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 4.51 करोड़ रुपये है। चुनावी हलफनामों के विश्लेषण से सामने आया कि प्रमुख दलों में, RJD के सभी चार उम्मीदवारों, AIADMK के 36 में से 35 उम्मीदवारों, DMK के 22 में से 21 उम्मीदवारों, BJP के 77 में से 69 उम्मीदवारों ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है। इसके अलावा कांग्रेस के 56 में से 49 उम्मीदवार और TMC के 5 में से चार उम्मीदवार करोड़पति हैं। BSP की ओर से 86 उम्मीदवारों को उतारा गया है और इनमें से 18 के पास 1 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है।

उम्मीदवारों को अपनी पूरी चल संपति के बारे में बताना जरूरी नहीं- सुप्रीम कोर्ट

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला दिया है कि उम्मीदवारों को अपनी पूरी चल संपति के बारे में बताना जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मतदाताओं को किसी उम्मीदवार के निजी जीवन की सभी डिटेल्स जानने का पूरा अधिकार नहीं है, साथ ही उम्मीदवारों को अपनी चल संपत्ति के प्रत्येक आइटम का खुलासा करने की जरूरत नहीं है, जब तक कि इससे मतदाताओं की पसंद प्रभावित न हो।

शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को उनके या आश्रितों की हर एक चल संपत्ति का विवरण देने की जरूरत नहीं है जब तक कि वे काफी कीमती या विलासितापूर्ण जीवनशैली को न दर्शाती हों। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस फैसले को उदाहरण के तौर पर न लिया जाए क्योंकि यह इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर आधारित है। इसके साथ ही जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने गुवाहाटी हाई कोर्ट की ईटानगर पीठ के 17 जुलाई, 2023 के फैसले को रद्द करते हुए 2019 में अरुणाचल प्रदेश की तेजू विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए कारिखो क्री के निर्वाचन को बरकरार रखा।

प्रत्याशी को हर एक चीज की घोषणा करना जरूरी नहीं- कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रत्याशी चल संपत्ति की हर एक चीज जैसे कपड़े, जूते, क्रॉकरी, स्टेशनरी, फर्नीचर की घोषणा करे, यह आवश्यक नहीं है। कोई चीज मूल्यवान है तो उसके बारे में बताने की जरूरत है। उदाहरण के लिए यदि प्रत्याशी या उसके परिजन के पास लाखों रुपये की कीमती घडि़यां हैं तो उनकी जानकारी देनी होगी क्योंकि वे महंगी संपत्ति हैं और रिच लाइफ स्टाइल को दर्शाती हैं।

फैसले में कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में कोई एक लकीर नहीं खींची जा सकती कि कौन सी चल संपत्ति ब्योरा देने लायक है और कौन सी नहीं। हर केस के हिसाब से गौर किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवारों की भी निजता होती है और अगर उनकी कोई संपत्ति का वोटिंग से लेना-देना नहीं है तो इसके बारे में बताना भी जरूरी नहीं है। हालांकि ध्यान रखने की जरूरत है कि वह संपत्ति विलासितापूर्ण ना हो और उसकी कीमत बहुत ज्यादा ना हो।

चुनाव में खर्च बढ़ गया है

चुनाव में एक दल कितने रुपये खर्च कर सकता है, इसकी तो कोई सीमा नहीं है लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए यह रकम 95 लाख रुपये तय की गई है। इसी तरह विधानसभा चुनाव में एक प्रत्याशी 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है। कुछ छोटे राज्यों और UTs में खर्च की सीमा 75 लाख रुपये (लोकसभा चुनाव) और 28 लाख रुपये (विधानसभा चुनाव) तय की गई है। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा किए जाने वाले खर्च की सीमा चुनाव आयोग समय – समय पर बढ़ाता रहा है। साल 2019 में एक प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में 70 लाख रुपये और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये तक खर्च कर सकता था। पढ़ें पूरी खबर