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Source
ETV Bharat
https://www.etvbharat.com/hi/!bharat/lok-sabha-election-2024-only-12-percent-of-candidates-in-phase-5-are-women-says-adr-hin24051403861
Author
ETV Bharat Hindi Team
Date
City
Hyderabad

ADR Analysis: देश में महिला अधिकार को लेकर तमाम राजनीतिक दल के नेता सार्वजनिक सभाओं में भाषण तो देते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और ही बयां करती है. फिर लोग सवाल करते हैं, आधी आबादी के लिए क्या? एडीआर के विश्लेषण से पता चलता है कि, 20 मई को लोकसभा चुनाव के 5वें चरण में केवल 12 प्रतिशत उम्मीदवार महिलाएं हैं.

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के 5वें चरण में कुल 695 उम्मीदवारों में महिलाओं की संख्या केवल 82 है. चुनाव अधिकार संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR- Association for Democratic Reforms)) के एक विश्लेषण के मुताबिक, मौजूदा लोकसभा चुनाव में महिलाओं का प्रतिनिधित्व निराशाजनक रूप से कम बना हुआ है. पांचवें चरण के चुनाव में केवल 12 फीसदी उम्मीदवार महिलाएं हैं. चुनाव अधिकार निकाय का कहना है कि लगभग 23 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और लगभग 18 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं.

12 फीसदी उम्मीदवार महिलाएं
एडीआर के मुताबिक, 20 मई को पांचवें चरण में कुल 695 उम्मीदवारों में से केवल 82 महिलाएं हैं. वहीं, चुनाव के पहले चरण में 135 (8 प्रतिशत) महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जबकि दूसरे चरण में 100 (8 फीसदी) महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा. इसी तरह, चुनाव के तीसरे चरण में 123 (9 फीसदी) महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जबकि चौथे चरण में 170 (10 फीसदी) महिला कैंडिडेट चुनाव में मैदान में थीं.

गंभीर आपराधिक मामले
वहीं, पांचवें चरण के होने वाले चुनावों में जांच के दायरे में आने वाले 695 उम्मीदवारों में से 18 फीसदी (122 उम्मीदवार) पर गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नफरत फैलाने वाले भाषण शामिल हैं. तीन उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दोषसिद्धि की घोषणा की है. एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने पांचवें चरण में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों द्वारा उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि, वित्तीय प्रोफाइल, शिक्षा और लिंग जानने के लिए दायर किए गए स्व-शपथ हलफनामों का विश्लेषण किया.

आपराधिक मामलों का पार्टी-वार ब्यौरा
एडीआर विश्लेषण में आपराधिक मामलों का पार्टी-वार ब्यौरा भी दिया गया है. प्रमुख पार्टियों में एआईएमआईएम (AIMIM) के चार में से दो (50 फीसदी), एसपी के 10 में से चार (40 फीसदी), कांग्रेस के 18 में से सात (39 फीसदी), छह में से दो (33 फीसदी) शिवसेना के उम्मीदवार, बीजेपी के 40 उम्मीदवारों में से 12 (30 फीसदी), तृणमूल के सात उम्मीदवारों में से दो (29 फीसदी), राजद के चार उम्मीदवारों में से एक (25 फीसदी) और आठ में से एक (13 फीसदी) शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं. 29 उम्मीदवारों में से एक ने बलात्कार (आईपीसी धारा 376) से संबंधित आरोप घोषित किया है और 10 ने अपने खिलाफ घृणा भाषण से संबंधित मामले घोषित किए हैं.

कितने फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं
एडीआर विश्लेषण के मुताबिक 33 फीसदी उम्मीदवार 'करोड़पति' हैं (जिनकी संपत्ति 1 करोड़ रुपये से अधिक है) प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 3.56 करोड़ पाए गई. सबसे अधिक संपत्ति वाले शीर्ष तीन उम्मीदवारों ने 110 करोड़ से 212 करोड़ रुपये तक की संपत्ति घोषित की है. इसके अलावा, 47 प्रतिशत उम्मीदवारों ने देनदारियां घोषित की हैं, जिनमें से कुछ पर करोड़ों रुपये का भारी कर्ज है.

उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यताएं चिंताजनक
वहीं, एडीआर के विश्लेषण में उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यताएं चिंता पैदा करने वाली हैं. वह इसलिए क्योंकि 42 प्रतिशत उम्मीदवारों की योग्यता 5वीं और 12वीं कक्षा के बीच है, और केवल 50 प्रतिशत स्नातक या उससे ऊपर हैं. एडीआर ने कहा कि इसके अतिरिक्त, 26 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं, 20 सिर्फ साक्षर हैं और पांच निरक्षर हैं.

इन निष्कर्षों के जवाब में, एडीआर ने राजनीति में अपराधीकरण के मुद्दे को संबोधित करने के लिए कई सिफारिशें पेश की हैं, जिनमें गंभीर अपराधों के दोषी उम्मीदवारों की स्थायी अयोग्यता, दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने वाली पार्टियों के लिए कर छूट को रद्द करना और पार्टियों को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत लाया जाना शामिल है.