चुनाव विश्लेषण करने वाली संस्था एडीआर के अनुसार, लोकसभा चुनाव 2024 में विजयी हुए उम्मीदवारों ने औसतन 50.58 प्रतिशत वोट प्राप्त किए, जो पिछले आम चुनाव की तुलना में दो प्रतिशत कम हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा करने वाले नवनिर्वाचित सांसदों में 42 प्रतिशत ने 50 प्रतिशत और उससे अधिक वोट प्राप्त किए।
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एईडब्ल्यू) ने लोकसभा चुनाव 2024 में 543 सीटों में से 542 का अध्ययन कर वोट प्रतिशत का विश्लेषण किया है। सूरत सीट को विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया क्योंकि यहां सांसद का निर्वाचन निर्विरोध हुआ था।
वर्ष 2024 के चुनाव में विजेताओं ने कुल मतों में से औसतन 50.58 प्रतिशत मत हासिल किये जो कि वर्ष 2029 में मिले 52.65 प्रतिशत से कम है।
विश्लेषण के अनुसार 279 विजयी प्रत्याशियों (51 प्रतिशत) ने अपने संसदीय क्षेत्रों में कुल मतों के आधे से ज्यादा हासिल किए, वहीं 263 विजयी उम्मीदवार (49 प्रतिशत) आधे मत पाने से पीछे रह गए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुल 239 सांसदों में से 75 (31 प्रतिशत) को 50 प्रतिशत से कम वोट मिले। कांग्रेस के लिए 99 सीट में से 57 सीट (58 प्रतिशत) पर जीतने वाले उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से कम वोट मिले।
क्षेत्रीय दलों में, समाजवादी पार्टी के 37 में से 32 विजयी उम्मीदवार (86 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 29 में से 21 विजेता (72 प्रतिशत) और द्रविड़ मुनेत्र कझगम के 22 में से 14 विजयी प्रत्याशी (64 प्रतिशत) 50 फीसदी से कम वोट हासिल कर सके।
घोषित आपराधिक मामलों वाले 251 विजेताओं में से 106 (42 प्रतिशत) ने 50 प्रतिशत और उससे अधिक वोट के साथ जीत हासिल की, जबकि स्वच्छ पृष्ठभूमि वाले 291 विजेताओं में से 173 (59 प्रतिशत) ने 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए।
चुनाव में जीतने वाले पांच सांसदों की जीत का अंतर 2,000 वोट से कम रहा, वहीं पांच अन्य 50 प्रतिशत से अधिक वोट के अंतर से जीते।
विदिशा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शिवराज सिंह चौहान 56.43 प्रतिशत वोट के अंतर से जीते, वहीं इंदौर से भाजपा के शंकर लालवानी 64.54 प्रतिशत वोट के अंतर से विजयी हुए।
चुनाव में जीतने वाले 542 नवनिर्वाचित सांसदों में 74 महिलाए हैं जिनमें त्रिपुरा पूर्व से भाजपा की कृति देवी देबबर्मन को महिला उम्मीदवारों में सर्वाधिक वोट मिले हैं। उन्हें 68.54 प्रतिशत वोट मिले और उनकी जीत का अंतर 42.92 प्रतिशत वोट का रहा।
चुनाव में ‘इनमें से कोई नहीं’ (नोटा) विकल्प को 2024 में कुल 0.99 प्रतिशत मतदाताओं ने चुना। 2019 में 1.06 प्रतिशत मतदाताओं ने इस विकल्प को चुना था। यह प्रवृत्ति मतदाताओं द्वारा नोटा के विकल्प का इस्तेमाल करने में मामूली गिरावट दिखाती है।