खास बातें
- चौथे चरण में 10 फीसदी हैं महिला प्रत्याशी, पहले तीन चरणों में यह क्रमशः 7, 8 और 9 फीसदी था।
- आधे प्रत्याशी स्नातक: 49 फीसदी प्रत्याशी स्नातक हैं और 44 फीसदी पांचवीं से 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं।
23 फीसदी प्रत्याशियों यानी 210 ने अपने खिलाफ मामलों का विवरण हलफनामे में दिया है। इनमें 158 के खिलाफ गंभीर मामले चल रहे हैं। भाजपा के 45 और कांग्रेस के 27 उम्मीदवारों में से कुछ ने अति गंभीर मामलों का भी खुलासा किया है। 60 निर्दलीयों ने भी आपराधिक मामलों और 45 निर्दलीयों ने अति गंभीर आपराधिक वादों का विवरण अपने हलफनामों में दिया है। इसमें 12 उम्मीदवारों पर तो अपराध साबित हो चुका है। 21 उम्मीदवारों के ऊपर महिलाओं से संबंधित अपराधों का आरोप है। 24 पर अपहरण, फिरौती समेत अन्य मामले, 5 पर हत्या का आरोप है। 14 प्रत्याशियों पर नफरत फैलाने के आरोप में मामले दर्ज हैं।
इतनी बड़ी संख्या में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों पर दलों ने चुप्पी साध ली है। आयोग की ढिलाई का आलम यह है कि तीन चरणों का मतदान हो चुका है लेकिन अब तक किसी भी उम्मीदवार के आपराधिक मुकदमों पर किसी पार्टी ने विज्ञापन नहीं निकाला। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि दलों को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की जानकारी बाकायदा विज्ञापन निकाल कर देनी है। अब तक कहीं भी पार्टी की ओर से इस तरह का विज्ञापन नहीं निकाला गया है।
सबसे अमीर नकुलनाथ: 660 करोड़ की संपत्ति है मप्र के सीएम कमलनाथ के पुत्र की
चौथे चरण में किस्मत आजमा रहे नौ राज्यों में के उम्मीदवारों में सबसे धनी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ हैं। छिंदवाड़ा से लड़ रहे नकुलनाथ की कुल संपत्ति 660 करोड़ रुपये है। नकुल के पास 618 करोड़ रुपये की चल और 41 करोड़ रुपये अचल संपत्ति है।
झांसी के अनुराग शर्मा की संपत्ति 124 करोड़
124 करोड़ है संपत्ति झांसी से भाजपा प्रत्याशी अनुराग शर्मा की। चौथे दौर तक वह यूपी के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। नासिक में प्रियंका, थाणे में विट्ठल नाथ और राजस्थान में टोंक सवाई माधौपुर से प्रेमलता बंशीलाल ऐसे निर्दलीय हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति शून्य बताई है।
सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवार
- चौथे चरण में 10 फीसदी हैं महिला प्रत्याशी, पहले तीन चरणों में यह क्रमशः 7, 8 और 9 फीसदी था।
- आधे प्रत्याशी स्नातक: 49 फीसदी प्रत्याशी स्नातक हैं और 44 फीसदी पांचवीं से 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं।
- 1365 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए मार्च में, अन्य राज्यों से खरीदे गए बॉन्ड भी राजधानी में ही भुनाए जा रहे।