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Date: 
18.01.2017
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New Delhi
क्षेत्रीय राजनैतिक दलों को 20 हजार से अधिक चंदा मिलने के मामले की रिपोर्ट एडीआर ने जारी की है। इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। जहां एक ओर क्षेत्रीय राजनैतिक दलों को पिछले साल की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में कम चंदा मिला वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी को विदेशों से सबसे ज्यादा चंदा मिला है। यही नहीं पीएमके के बाद आप ने सबसे ज्यादा चंदा नकदी के रूप वर्ष 2015-16 में लिया है।
उधर तमाम क्षेत्रीय दलों में सबसे ज्यादा चंदा शिवसेना को मिला है। चुनावी सुधार पर काम करने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) और इलेक्शन वॉच ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में क्षेत्रीय दलों को मिले दान का विश्लेषण किया है।

नियम के मुताबिक 20 हजार से अधिक चंदा लेने वाले सभी दलों को 31 अक्टूबर तक अपने चंदे का ब्यौरा चुनाव आयोग को देना होता है। इसी जानकारी के आधार पर एडीआर ने ये रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014-15 की तुलना में क्षेत्रीय दलों को 2015-16 में  20 फीसदी (27 करोड़ रुपए) चंदा कम मिला। वहीं क्षेत्रीय दलों को 26 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों और 10 देशों से 20 हजार रुपए से अधिक का दान मिला। 

विदेश से सिर्फ आम आदमी पार्टी को ही मिले 20 हजार  

विदेश से सिर्फ आम आदमी पार्टी को ही 20 हजार रुपए से अधिक का चंदा मिला है। आप की कुल आय का (20 हजार रुपए से अधिक) 15 फीसदी यानी 98 लाख रुपए का दान विदेश से प्राप्त हुआ। यही नहीं नकदी दान लेने में भी आप तमाम क्षेत्रीय दलों से काफी आगे है।

सबसे ज्यादा चंदा नकदी के रूप में तमिलनाडु का क्षेत्रीय दल पीएमके ने दो करोड़ 65 लाख, आम आदमी पार्टी ने करीब 30 लाख, एसएचएस ने 27 लाख दान प्राप्त किया। उधर, 2015-16 में पंजाब, दिल्ली और चंडीगढ़ और मलेशिया से प्रत्येक नकदी दान आम आदमी पार्टी को ही मिला है। आम आदमी पार्टी ने अपने दान रिपोर्ट में मलेशिया के एक दान दाता का नाम घोषित किया है, जिसने नकदी के माध्यम से एक लाख रुपए का दान, 20-20 हजार रुपए पांच बार में दिया।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2249 दानदाताओं ने 20 हजार से अधिक का दान क्षेत्रीय पार्टी को दिया। वर्ष 2015-16 में कुल 107 करोड़ 62 लाख रुपए करीब डेढ़ दर्जन राजनैतिक दलों को मिला। शिवसेना को 143 दानदाताओं से करीब 87 करोड़ और आम आदमी पार्टी को 1187 दानदाताओं से साढ़ छह करोड़ का चंदा मिला।

शिवसेना का कुल चंदा बाकी के 20 क्षेत्रीय दलों के कुल दान का लगभग चार गुना है। एआईडीएमके, बीजेडी, जेएमएम, एनपीएफ और आरएलडी ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 20 हजार से अधिक का दान शून्य घोषित किया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने तय वक्त पर चंदे का ब्यौरा चुनाव आयोग को नहीं सौंपा है। मनसे ने 2014 -15 की तुलना में 95 फीसदी कम घोषित किया है।

क्षेत्रीय दलों को मिला 30 लाख का अधिक दान

शिवसेना ने साधा मोदी पर निशानाPC: getty

क्षेत्रीय दलों को 2014-15 की तुलना इस वित्त वर्ष में 30 लाख रुपए का दान नकदी ज्यादा प्राप्त हुआ है। 784 दान दाताओं ने नकदी के माध्यम से 3 करोड़ 32 लाख का चंदा दिया। सभी राज्यों में से क्षेत्रीय दलों को तमिलनाडु से करीब ढाई करोड़ और पंजाब से करीब 14 लाख का दान नकदी के माध्यम से प्राप्त हुआ। गौरतलब है कि 21 क्षेत्रीय दलों में से 16 दलों ने 20 हजार से अधिक का दान चुनाव आयोग को घोषित किया है।

इनमें से नौ दलों एसएचएस, आप, पीएमके, वायएसआर-कांग्रेस, एआईयूडीएफ, आईयूएमएल, मनसे, शिओद, और डीएमडीके ने 1567 दान दाताओं से प्राप्त छह करोड़ 79 लाख करोड़ रुपए का पैन की जानकारी घोषित नहीं की है। हैरत बात यह है कि जहां पीएमके एक भी दान दाता का पैन विवरण घोषित नहीं किया है। वहीं आप ने दो करोड़ 89 लाख रुपए के चंदे का पैन विवरण की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी है, जो पूरे दान का 44 फीसदी है। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने शिवसेना को 85 करोड़ का दान दिया है।

वहीं एसडीएफ को सिर्फ एक दान दाता टोरेंट फॉर्मा लिमिटेड ने पार्टी को कुल 25 लाख का दान दिया है। वहीं वर्ष 2015-16 में टीडीपी को 75 दानदाताओं से तीन करोड़, जेडीयू को 18 दानताओं से करीब दो लाख, वायएसआर-कांग्रेस को 33 दानदाताओं से करीब पौने दो करोड़, एलजेपी को 23 दानदाताओं से 89लाख, आरजेडी को चार दानदाताओं से 55 लाख, शिओद को 46 दानदाताओं से 26 लाख का चंदा मिला।

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