एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कहा है कि पांच राज्यों के चुनावों में सभी दलों ने अपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को बिना किसी हिचक के टिकट दिए। दलों ने ऐसे प्रत्याशियों को उतारने के लिए बेहद कमजोर तर्क दिए हैं। एडीआर ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर चुनावों पर संयुक्त रिपोर्ट जारी की है।
उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक मनोज ध्यानी ने बताया कि पांच राज्यों के चुनाव मे उतरे सभी 6944 उम्मीदवारों में 70 उम्मीदवारों के शपथपत्र पूरे न होने के कारण विश्लेषित नहीं किए जा सके हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग से ऐसे प्रत्याशियों पर कार्रवाई की मांग की है।
उन्होने बताया कि सभी उम्मीदवारों मे से 1916 उम्मीदवार राष्ट्रीय दलों से, 1421 राज्य दलों से, 1829 गैर मान्यता प्राप्त दलों से और 1708 निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान मे उतरे हैं। इसमें से 25 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के है, जिसमें 18 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। 44 उम्मीदवारों पर हत्या, हत्या का प्रयास और 107 पर महिलाओं के ऊपर अत्याचार के मुकदमें हैं।
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा चुनावों में उम्मीदवारों के चयन से स्पष्ट हो जाता है कि राजनीति के अपराधिकरण रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायलय के निर्देशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। दलों ने ऐसे प्रत्याशी चयन के पीछे आधारहीन कारण दिए हैं। ज्यादातर मामले में व्यक्ति की लोकप्रियता, अच्छे सामाजिक कार्य, राजनीती से प्रेरित मामले इत्यादि बताये गए हैं।
इससे साफ है कि दल चुनाव सुधार को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसके अलावा 41 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। चुनाव लड़े इन उम्मीदवारों की औसतन सम्पत्ति ₹3.27 करोड़ रही है।