एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा किया गया सर्वे
- स्टेट के पांचों लोकसभा क्षेत्र के वोटर्स हुए शामिल
- 68 परसेंट मेल, 32 परसेंट फीमेल वोटर्स ने दी अपनी राय
>DEHRADUN: 11 अप्रैल को उत्तराखंड में लोकसभा इलेक्शन की वोटिंग होनी है, इससे पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा किए गए सर्वे में उत्तराखंड के लोगों ने अपने वोट का प्रायोरिटी शेयर की। अर्बन वोटर्स की फर्स्ट प्रायोरिटी बैटर इंप्लॉयमेंट अपॉच्र्युनिटी के रूप में सामने आई, 61 परसेंट वोटर्स ने इसे फर्स्ट प्रायोरिटी में रखा। सेकंड प्रायोरिटी में बैटर हेल्थ फैसिलिटी और थर्ड में ट्रैफिक कंजेशन रहा।
स्टेट गवर्नमेंट को एवरेज से कम मार्क्स
एडीआर द्वारा स्टेट गवर्नमेंट की परफॉर्मेस का भी फीडबैक लिया गया। 10 सेक्टर पर आधारित सर्वे में स्टेट गवर्नमेंट को एवरेज से भी कम मार्क्स वोटर्स ने दिये। ट्रैफिक बैटरमेंट में सबसे कम मार्क्स वोटर्स ने दिए, जबकि माइनिंग के फील्ड में वोटर्स ने सबसे ज्यादा मार्क्स दिए, हालांकि यह भी एवरेज से मामूली कम हैं।
सेक्टर मार्क्स
इंप्लॉयमेंट- 2.4
हेल्थ केयर- 2.3
ट्रैफिक कंजेशन- 2.3
पब्लिक ट्रांसपोर्ट- 2.4
बैटर रोड्स- 2.4
माइनिंग- 2.9
वाटर, एयर पॉल्यूशन- 2.7
स्कूल एजुकेशन- 2.8
ड्रिंकिंग वाटर- 2.6
न्वॉइज पॉल्यूशन- 2.7
चुनाव में धन-बल पर बोले वोटर्स
- 79 परसेंट वोटर्स ने माना कि चुनाव में पैसे का प्रयोग अवैध है
- 16 परसेंट वोटर्स ने माना कि पिछले इलेक्शन में उनके इलाके में धन-बल का प्रयोग हुआ
- 34 परसेंट वोटर्स ने माना कि आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी ताकत के बल पर वोट पाते हैं
- 36 परसेंट ने माना कि क्रिमिनल रिकॉर्ड के अलावा अच्छे कामों के कारण वोट पाते हैं
किसको जाएगा वोट
- 24 परसेंट वोटर्स ने कैंडीडेट को दी प्रायोरिटी
- 39 परसेंट ने पार्टी को बताया सबसे अहम
-12 परसेंट ने कास्ट और रिलिजन को दी वरीयता
- 11 परसेंट चाहते हैं पैसा और गिफ्ट
2500 वोटर्स हुए सर्वे में शामिल
68 परसेंट रूरल
32 परसेंट अर्बन
68 परसेंट मेल
32 परसेंट फीमेल
67 परसेंट जनरल
18 परसेंट एससी
13 परसेंट ओबीसी
2 परसेंट एसटी
देश की 534 सीटों का भी हुआ सर्वे
इलेक्शन वॉच एडीआर ने देशभर के सर्वे में 534 एमपी सीट पर 273487 वोटर्स को शामिल किया गया। सर्वे अक्टूबर 2018 से लेकर दिसंबर 2018 के बीच हुआ।
सर्वे के तीन टारगेट प्वॉइंट्स
1- विभिन्न मुद्दों पर वोटर्स की प्रायोरिटी जानना
2- स्टेट गवर्नमेंट की परफॉर्मेस की रेटिंग
3- वोटर्स बिहेवियर की पड़ताल