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  • अभी तक केंद्रीय निर्वाचन आयोग की ओर से नहीं आया आदेश
  • मॉक पोल के दौरान पर्चियों के पंचनामे को आधार बना सकता है निर्वाचन आयोग

बूथवार वोटों की गिनती के आंकड़ों की पड़ताल में ईवीएम से क्लोज रिकॉर्ड क्लीयरेंस या मॉकपोल के वोट डिलीट नहीं करने के मामलों में इजाफा हो गया है। दूसरे चरण की वोटिंग के बाद अब तक 30 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इससे चुनाव आयोग में हड़कंप मच गया है। पहले दौर में इस तरह की गलतियां की 14 मतदान केंद्रों से सूचना रिपोर्ट आई थीं। दरअसल, क्लोज रिकॉर्ड क्लीयरेंस यानी ईवीएम मशीन से वोटिंग के पहले डाटा क्लीयर नहीं किया गया।

 

इस वजह से वास्तविक मतदान और ईवीएम में दर्ज मतदान में अंतर आ रहा है। इसी तरह कुछ बूथों पर मॉक पोल के वोट डिलीट नहीं किए जाने से वहां भी इसी तरह का अंतर आ रहा है। इस बीच, ऐसे मतदान केंद्रों की जांच में आयोग का फोकस अब पर्चियों के पंचनामे पर ज्यादा है। यानी मॉकपोल के वोटों की वीवीपैट मशीनों की पर्चियां ऐसे बूथों में सुरक्षित करके रखी गई हैं या नहीं? 

जानकारी के मुताबिक अब तक सीआरसी और मॉकपोल वोटों के डिलीट नहीं होने के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें में से किसी भी बूथ पर पर्चियों का पंचनामा नहीं होने की स्थिति नहीं बनी है। यानी अब तक रिपोर्ट किए गए करीब 44 बूथों में से सभी पर्चियों का पंचनामा हुआ है। 

 

मतगणना के दिन बन सकती है विवाद की स्थिति 

 

वीवीपैट से हुआ भ्रम  : आयोग के अधिकारियों का कहना है कि ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल की वजह से मतदान कर्मी भ्रमित हुए हैं। प्रारंभिक पड़ताल में इस तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं। वीवीपैट मशीनों के चलते हर मतदान केंद्र में पीठासीन अधिकारी कोे मॉकपोल की पर्चियों का पंचनामा करवाकर उसे सील बंद कर रखना था। इस बात की विवेचना की जा रही है, ताकि ऐसी स्थिति में वीवीपैट की पर्चियों की गिनती का विकल्प बरकरार रहे। हालांकि अभी तक आयोग का इस पर कोई फैसला नहीं आया है। 

 

राजधानी के दो बूथों में भी ऐसी ही शिकायत : राजधानी की दो विधानसभा सीटों रायपुर ग्रामीण और पश्चिम के एक-एक बूथ में सीआरसी डाटा क्लीयर नहीं होने की स्थिति बनी है। हालांकि यहां पर्चियों का पंचनामा हुआ है और इसका रिकॉर्ड सुरक्षित है। इसलिए इन दोनों बूथों पर फिलहाल री-पोल की संभावनाएं न के बराबर हैं। सीआरसी डाटा और मॉकपोल वोट क्लीयर नहीं होने के दूसरे दौर में सबसे ज्यादा मामले रायगढ़ जिले में मिले हैं। यहां करीब पांच बूथों में ऐसी स्थिति बनी है। इस वजह से निर्वाचन की प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे है।

 

सीआरसी मॉकपोल के मामले

  • 14 बूथ - पहला दौर
  • 30 बूथ करीब- दूसरा दौर
  • कुल - 44 बूथ

अभी चल रही जांच

 

सीआरसी डाटा क्लीयर नहीं होने के मामले लेखों की पड़ताल में सामने आए हैं। अभी जांच जारी है। ऐसे बूथों में आयोग का फैसला अभी तक नहीं आया है। - सुब्रत साहू, सीईओ