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देश में किसी की सैलरी या संपत्ति बढ़े न बढ़े, राजनीतिक पार्टियां महंगाई के दौर में भी फल फूल रही हैं. एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने 22 क्षेत्रीय पार्टियों की संपत्ति को लेकर ताजा रिपोर्ट जारी की है.

रिपोर्ट के मुताबिक, चार साल में तेलगु देशम पार्टी की कुल संपत्ति में करीब 300% की बढ़ोतरी हुई है. वहीं समाजवादी पार्टी की संपत्ति में करीब 200% का अतिरिक्त इजाफा हुआ है.

वित्तीय वर्ष 2011-12 में समाजवादी पार्टी की कुल संपत्ति 212.86 करोड़ थी, जो साल 2015-16 में 634.96 करोड़ हो गई है. समाजवादी पार्टी क्षेत्रीय पार्टियों की लिस्ट में सबसे अमीर पार्टी है.

वहीं दूसरे नंबर पर 257.18 करोड़ के साथ तमिलनाडु की डीएमके है. एआईएडीएमके 224.84 करोड़ की प्रॉपर्टी के साथ तीसरे नंबर पर है.


फोटो: द क्विंट

AIADMK की प्रॉपर्टी में 150% का इजाफा हुआ

रिपोर्ट में डीएमडीके, डीएमके, जेकेपीडीपी, जेडीएस, जेडीयू, जेएमएम, जेवीएम (पी) एलजेपी, एमएनएस, आरएलडी, एसएडी, एसएफडी, शिवसेना (एसएचएस), एसपी, टीडीपी, टीआरएस, वाईएसआर-कांग्रेस, एआईएफबी, बीपीएफ,शामिल हैं.

पार्टी की कुल प्रॉपर्टी में लोन, फिक्सड असेट्स, एडवांस, इन्वेस्टमेंट्स, टीडीएस, डिपॉजिट शामिल हैं

एडीआर के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2011-12 में समाजवादी पार्टी की कुल संपत्ति 212.86 करोड़ थी, जो साल 2015-16 में 198% बढ़कर 634.96 करोड़ हो गई है.

वित्तीय वर्ष 2011-12 में एआईएडीएमके की कुल संपत्ति 88.21 करोड़ थी, जो वर्ष 2015-16 में 224.87 करोड़ हो गई है. 

शिवसेना की प्रॉपर्टी में भी 92% की बढ़ोतरी हुई है. साल 2011-12 में शिवसेना के पास 20.59 करोड़ की संपत्ति थी, जो 2015-16 में 39.568 करोड़ रुपये हो गई.

TDP ने 2011-12 में कुल प्रॉपर्टी 11.538 करोड़ रुपये घोषित की थी, जो 2015-16 में 299 फीसदी और बढ़कर 46.09 करोड़ हो गई.

नई क्षेत्रीय पार्टियों का हाल

साल 2011-12 में 20 नए क्षेत्रीय पार्टियों की कुल संपत्ति 24.11 करोड़ रुपये थी. जो 2015-16 में बढ़कर 65.77 करोड़ हो गई.

आम आदमी पार्टी नवंबर 2012 में रजिस्टर हुई थी. AAP ने साल 2012-13 में 1.165 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी घोषित की थी. ये 2015-16 में बढ़कर 3.765 करोड़ हो चुकी है.

मार्च, 2011 में आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस का भी रजिस्ट्रेशन हुआ था. 2015-16 में पार्टी की प्रॉपर्टी 3.765 करोड़ हो चुकी है.

कुल मिलाकर सभी तरह की रीजनल पार्टियों की 2011-12 में प्रॉपर्टी 434.635 करोड़ थी. 2015-16 तक इस राशि मेें लगभग तिगुना इजाफा हुआ और यह आकंड़ा 1258.17 करोड़ पहुंच गया.