यूपी इलेक्शन वॉच और एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार यूपी लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में महज सात फीसदी महिला उम्मीदवार हैं। जबकी 25 फीसदी प्रत्याशियों के ऊपर आपराधिक मामले घोषित हैं।
ADR Report: उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार यूपी लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में मात्र सात फीसदी महिला उम्मीदवार हैं, जबकि करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या 25 फीसदी है। उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में 10 (7%) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही है। एडीआर ने सातवें चरण में 13 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने वाले सभी 144 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया जो महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्ज़ापुर और रॉबर्ट्सगंज से चुनाव लड़ रहे हैं। उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले 144 में से 36 (25 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं जबकि 21 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
सातवें चरण के चुनाव में अपराधिक मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों का दलवार विवरण देखा जाए तो बहुजन समाज पार्टी के 13 में से पांच (39 फीसदी), भारतीय जनता पार्टी के 10 में से तीन (30 फीसदी), समाजवादी पार्टी के नौ में से सात (78 फीसदी), कांग्रेस के चार में से दो (50 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर अपराधिक मामले घोषित किए हैं। उम्मीदवारों द्वारा घोषित गंभीर आपराधिक मामलों में बहुजन समाज पार्टी के 39, भारतीय जनता पार्टी के 10, समाजवादी पार्टी के 67 और कांग्रेस के 50 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
आपराधिक मामलों में लल्लन सिंह यादव जो बलिया से बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, उनके ऊपर सर्वाधिक 22 आपराधिक मामले दर्ज है, दूसरे नंबर पर आपराधिक छवि के उम्मीदवार में अजय राय हैं जो वाराणसी से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हैं, उनके ऊपर 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीसरे नंबर पर स्वामी प्रसाद मौर्या, जो राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से कुशीनगर के उम्मीदवार हैं, जिनके ऊपर नौ आपराधिक मामले पंजीकृत हैं।
प्रत्याशियों की औसतन संपत्ति 3.35 करोड़
चुनाव के सातवें चरण में करोड़पति उम्मीदवारों में 144 में से 55 यानी 38 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के 100 प्रतिशत उम्मीदवार, बहुजन समाज पार्टी के 13 में से सात (54 फीसदी), अपना दल ( सोनेलाल) के दो में से दो (100 फीसदी), अपना दल (कमेरावादी) दो में से दो (100 फीसदी) उम्मीदवार करोड़पति हैं। सातवें चरण के उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 3.35 करोड़ है। मुख्य दलों में बहुजन समाज पार्टी के 13 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति लगभग तीन करोड़ है। भारतीय जनता पार्टी के 10 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 18 करोड़ के आसपास है। समाजवादी पार्टी के नौ उम्मीदवारों की औसत संपत्ति लगभाग 14 करोड़ है, जबकि कांग्रेस के चार उम्मीदवारों कि औसत संपत्ति लगभग तीन करोड़ है।
यूपी इलेक्शन वॉच एडीआर राज्य संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने बताया की लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के प्रत्याशियों में घोसी से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राजीव राय हैं, जिनकी संपत्ति लगभग 49 करोड़ के आसपास है रवि किशन (रवीन्द्र शुक्ला) गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी संपत्ति 43 करोड़ के लगभग है। वहीं भारतीय जनता पार्टी महाराजगंज लोकसभा सीट से पंकज चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी संपत्ति लगभग 41 करोड के आसपास हैं।
सबसे कम संपत्ति वाले उम्मीदवार
सबसे कम संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष तीन उम्मीदवारों कि बात करे तो गोरखपुर लोकसभा सीट से अल हिन्द पार्टी से चुनाव लड़ रहे श्रीराम प्रसाद हैं, जिनकी कुल संपत्ति 25 हजार हैं। दूसरे नंबर पर चंदौली से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे संतोष कुमार हैं, जिनकी संपत्ति 38 हज़ार बताई गई हैं। तीसरे नंबर पर महाराजगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रामप्रीत हैं। उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 50 हज़ार रुपये बताई हैं।
उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता
लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में 144 में से 54 (38%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच घोषित की है जबकि 82 (57%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज़्यादा घोषित की हैं। 3 उम्मीदवार ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है। 4 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर तथा एक उमीदवार अपनी शैक्षिक योग्यता घोषित नहीं की है।
सातवें चरण में उम्मीदवारों की आयु की बात करें तो 144 में से 47 (33%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है, जबकि 69 (48%) उम्मीदवारों ने आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है। 28 (19%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है।
मुख्य संयोजक यूपी इलेक्शन वॉच एडीआर संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हो रहे लोकसभा चुनाव के सातवे चरण में अब तक सबसे कम महिला प्रत्यासी हैं जब 2024 लोकसभा चुनाव का सातवें चरण में समापन हो रहा है ऐसे में महिलाओं को 7 प्रतिशत टिकट देकर सभी राजनैतिक दलों ने उनके प्रतिनिधित्व को कम किया है। जबकि भारत में 33 प्रतिशत लोकसभा व विधानसभा चुनाव में महिलाओं के भागीदारी के लिए कानून पारित हुआ है। ऐसे में इतनी कम संख्या में महिलाओं को चुनाव लड़ा कर कहीं न कही हम पुरुषवादी मानसिकता को दिखाना चाहते हैं।